पुतिन के लिए सबसे कठिन काम है योग
पुतिन के लिए सबसे कठिन काम है योग
Share:

रूस : यूएन द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किए जाने के बाद विभिन्न देशों द्वारा योग को बढ़ावा देने और योग किए जाने को लेकर चर्चाऐं चलने लगी थीं। मामले में रूस द्वारा योग करने से इंकार कर दिया गया था लेकिन इसके बाद रूस में कुछ स्थानों पर योग के कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ब्रिक्स समूह की समिट के दौरान जब रशिया गए तो रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन द्वारा योग करने में कुछ मुश्किलों का अनुभव होने की बात कही गई। मगर इस दौरान उन्होंने योग को लेकर अपना अनुभव अच्छा रहने की बात भी कही। दूसरी ओर दोनों देशों के नेताओं के बीच राजनीतिक मसले पर भी चर्चा की गई। जिसमें कहा गया है कि दोनों देश अपने संबंधों को और गति देंगे। साथ ही दोनों ही देशों के बीच सालाना द्विपक्षीय सम्मलेन के लिए फिर से बैठक की जाएगी।

दोनों ही देश एक दूसरे के साथ व्यापारिक और सामरिक मसलों पर और करीब आ सकते हैं। इस दौरान कहा गया कि यूरेशियन आर्थिक जोन के साथ एफटीए को लेकर भी दोनों देश सक्रिय भागीदारी निभाऐंगे। दूसरी ओर कहा गया है कि दोनों देशों में सैन्य और असैन्य परमाणु क्षेत्र पर भी सहयोग किया जाएगा। जिसमें रूस ने तमिलनाडु और कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की इकाई को लेकर सवाल किए। मामले में कहा गया है कि रूस भारत के लिए काफी मायने रखता है और दोनों ही देश एक दूसरे के वीज़ा मसले पर भी चर्चा करने के लिए तैयार हैं। इस दौरान भारत में रूस के प्रवासियों के लिए वीज़ा नियम आसान किए जाने पर भी चर्चा की गई। योग किए जाने को लेकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन कुछ असमंजस में नज़र आए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि उन्हें नहीं पता कि आखिर योग किया किस तरह से जाता है। यह काफी मुश्किल लगता है इसलिए इसे कभी नहीं किया।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -