जम्मू कश्मीर में फिर लागू होगी 370 ? इस चुनाव में मिली जीत से गदगद कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस
जम्मू कश्मीर में फिर लागू होगी 370 ? इस चुनाव में मिली जीत से गदगद कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस
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श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस गठबंधन ने आज सोमवार (9 अक्टूबर) को LAHDC-कारगिल चुनाव परिणामों को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर के विभाजन के केंद्र के फैसले के खिलाफ "जनमत संग्रह" करार दिया है। दरअसल, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC)-कारगिल चुनाव में NC और कांग्रेस ने मिलकर 26 में से 22 सीटों पर जीत दर्ज की है, जिसके नतीजे रविवार को घोषित किए गए थे। इन्ही चुनावी नतीजों को कांग्रेस और NC ने 370 से जोड़ा है और यह संकेत दिया है कि, वहां की जनता 370 को वापस लागू करवाना चाहती है, और इसीलिए उन्होंने कांग्रेस और NC के पक्ष में वोट दिया है। 

उल्लेखनीय है कि, 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश (UT) के रूप में बनाए जाने के बाद होने वाला यह पहला चुनाव था। इस पर NC नेता हनीफा जान ने कहा कि, 'यह निश्चित रूप से एक जनमत संग्रह है। कारगिल के लोगों ने इस मुद्दे पर लड़ाई लड़ी। हमारी पहली मांग लद्दाख में लोकतांत्रिक व्यवस्था की बहाली है।  यह सरकार पर निर्भर है कि वह ऐसा कैसे करेगी - क्या वह लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देगी। यदि वे ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो हमारी स्थिति (जम्मू-कश्मीर के साथ) बहाल करें।' उन्होंने कहा कि कारगिल के लोग उपराज्यपाल (LG) प्रशासन के तहत “नौकरशाही गुलामी” से बाहर निकलना चाहते हैं।

हनीफा जान ने आगे कहा कि, 'भारत सरकार ने जो किया (370 हटाकर), वह पूरी तरह से गलत था। यह हमारे साथ विश्वासघात था। उन्होंने हमसे सलाह किये बिना ही यह फैसला ले लिया. इसलिए, यह परिणाम उन निर्णयों के खिलाफ पूर्ण जनमत संग्रह है।'' उन्होंने कहा कि, कांग्रेस-NC गठबंधन ने 22 सीटें जीतीं। दो सीटें ऐसे निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीतीं, जो वैचारिक रूप से हमारी तरफ  झुके हुए हैं। भाजपा ने दो जीते, जिनमें से एक हमारी लापरवाही के कारण जीता। इसलिए, हमने प्रभावी ढंग से 24 सीटें जीतीं, और पूरे जिले ने अगस्त 2019 में लिए गए फैसलों और हमसे लोकतंत्र छीनने और हमें नौकरशाही प्रणाली में धकेलने के खिलाफ बात की है।''

वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता इस्सा अली शाह ने इसको लेकर कहा कि कारगिल के लोग हमेशा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले के खिलाफ रहे हैं और नतीजे इसका संकेत देते हैं। उन्होंने कहा कि, 'कारगिल में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है। यहां के लोग अगस्त 2019 के फैसले के खिलाफ हैं। आम लोग अलगाव नहीं चाहते। हम जम्मू-कश्मीर के साथ मिलकर रहना चाहते हैं।' गठबंधन की भविष्य की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर हनीफा जान ने कहा कि गठबंधन केवल परिषद के लिए नहीं है, बल्कि पूरे कारगिल को एकजुट रखने के लिए है। 

कांग्रेस नेता ने कहा कि, ''यह गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए भी रहेगा। हम चाहते हैं कि एक धर्मनिरपेक्ष उम्मीदवार चुनाव लड़े और जीते। वर्तमान सांसद पूरी तरह से सांप्रदायिक व्यक्ति है, जो केवल भाजपा-RSS के एजेंडे को दोहरा रहा है और लद्दाख के लोगों के लिए कुछ नहीं कर रहा है।'' बता दें कि, परिषद की 26 सीटों पर 4 अक्टूबर को मतदान हुआ था। प्रशासन 30 सदस्यीय परिषद के लिए मतदान के अधिकार के साथ चार सदस्यों को नामित करता है। इसमें NC ने 12 सीटें जीतीं, जिससे वह सबसे बड़ी पार्टी बन गई, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा ने दो सीटें जीतीं, जबकि दो निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी रहे। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा की थी, लेकिन क्रमशः 17 और 22 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। दोनों पार्टियों ने कहा कि यह व्यवस्था उन क्षेत्रों तक ही सीमित है, जहां भाजपा से कड़ी टक्कर है।

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