'आदिपुरुष' पर जारी विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पहले तो लोग केवल सोशल मीडिया पर अपना विरोध प्रदर्शित कर रहे थे। किन्तु, अब मामला अदालत तक जा पहुंचा है। एक ओर, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच फिल्म के लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला से जवाब मांग रही है। वहीं दूसरी ओर, फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दायर हो गई है।
प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, वकील ममता रानी ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने फिल्म के निर्माताओं पर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। अपनी याचिका में ममता रानी ने कहा, 'सेंसर बोर्ड ने फिल्म को जो सर्टिफिकेट दिया है उसे रद्द कर दिया जाए। क्योंकि फिल्म में प्रभु श्रीराम एवं भगवान हनुमान समेत धार्मिक पात्रों के असली चरित्रों से छेड़छाड़ कर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है। यदि इस फिल्म पर पाबंदी नहीं लगाई गई तो इसका लोगों के नैतिक मूल्यों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।'
पिछले दिन, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 'आदिपुरुष' के आपत्तिजनक डायलॉग्स के मामले में दायर की गई याचिका पर सुनवाई की। अदालत की लखनऊ बेंच ने फिल्म के डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर शुक्ला को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। इतना ही नहीं, अदालत ने प्रभु श्री राम एवं भगवान हनुमान समेत धार्मिक पात्रों को आपत्तिजनक तरीके से पेश करने के लिए फिल्म 'आदिपुरुष' के मेकर्स की आलोचना भी की है।
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