नई दिल्ली: देश की राजधानी नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023) की तैयारियां ज़ोर-शोर से चल रही है. विदेशी मेहमानों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए केन्द्र सरकार तथा प्रदेश सरकार जीतोड़ मेहनत कर रही है. दिल्ली G20 शिखर सम्मेलन शनिवार, 9 सितंबर से रविवार, 10 सितंबर के बीच होगा. दिल्ली के प्रगति मैदान में 'भारत मंडपम' में G-20 सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित दुनियाभर के दिग्गज नेता इसमें सम्मिलित होंगे. G-30 सदस्य देशों के राष्ट्रपति, पीएम सहित अन्य विदेशी मेहमान भी दिल्ली में होंगे.
जी 20 का गठन आखिर क्यों किया गया, इसकी जरूरत क्यों?
एशियाई वित्तीय संकट के पश्चात् ये चर्चा का मंच बनाया गया. पहले ये वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों का संगठन था. पहला सम्मेलन दिसंबर 1999 में बर्लिन, जर्मनी में हुआ. 2008 के वैश्विक मंदी के बाद जी 20 को शीर्ष नेताओं के संगठन में बदला गया. ये तय किया गया कि वर्ष में एक बार जी 20 राष्ट्र के नेताओं की बैठक की जाएगी.
दुनिया के कौन-कौन से देश जी 20 के सक्रिय सदस्य हैं?
ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी में 19 देश- अर्जेंटीना, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपियन यूनियन सम्मिलित हैं.
इस बार जी 20 सम्मेलन 2023 की थीम क्या है?
भारत की अध्यक्षता में हो रहे G20 सम्मेलन 2023 का थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' या 'एक पृथ्वी-एक कुटुंब-एक भविष्य' है. यह थीम सभी तरह के जीवन मूल्य और पृथ्वी तथा ब्रह्मांड में उनके परस्पर संबंधों की पुष्टि करती है.
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