‘किसी का कोई भगवान हो, हमारा भगवान तो PDA’, राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराते हुए बोले अखिलेश यादव
‘किसी का कोई भगवान हो, हमारा भगवान तो PDA’, राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराते हुए बोले अखिलेश यादव
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लखनऊ: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। भारत की वामपंथी पार्टियों ने तो इस आयोजन का बहिष्कार कर दिया है। वहीं सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उनका भगवान तो PDA है। अखिलेश के PDA का मतलब है- पिछड़ा, दलित एवं अल्पसंख्यक। दरअसल, अखिलेश यादव से मीडिया ने पूछा कि क्या वे 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में अयोध्या जाएँगे। इस अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण नहीं प्राप्त हुआ है। वहीं, विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने मंगलवार (9 जनवरी 2023) को कहा कि अखिलेश यादव को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होने का निमंत्रण दिया गया, किन्तु उन्होंने स्वीकार नहीं किया।

दरअसल, विश्व हिंदू परिषद की तरफ से आलोक कुमार अखिलेश यादव को निमंत्रण देने गए थे। अखिलेश ने कहा, “हम इनको (आलोक कुमार को) नहीं जानते हैं। जिन्हें हम जानते नहीं हैं, उन्हें निमंत्रण नहीं देते तथा न ही उनसे कोई निमंत्रण लेते हैं। जब भगवान बुलाएँगे, तब जाएँगे। किसी का कोई भगवान हो, हमारा भगवान तो PDA है।” इस पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, “पहले वो कह रहे थे कि यदि बुलाएँगे तो हम जाएँगे। हमने उनको बुलाया है। अब वो कह रहे हैं कि राम जी बुलाएँगे तो जाएँगे। अब देखते हैं कि राम जी खुद उन्हें बुलाते हैं या नहीं। यदि नहीं बुलाएँगे तो साफ हो जाएगा कि राम जी शायद उन्हें नहीं बुलाना चाहते हैं।”

वही इसके पहले अखिलेश ने कहा था कि जब ईश्वर की मर्जी होती है, तभी उनके दर्शन होते हैं। भगवान की इच्छा के बिना कोई उनके दर्शन नहीं कर सकता। क्या पता कब किसको भगवान का बुलावा आ जाए, ये कोई नहीं कह सकता। उन्होंने राम मंदिर के नाम पर बीजेपी पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया। अखिलेश यादव ने यह भी कहा था कि यदि राम मंदिर ट्रस्ट उन्हें बुलाता है तो वो अयोध्या जाएँगे। इस पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा था कि प्रभु तो सबके हैं। ट्रस्ट बुलाए या न बुलाए, दर्शन तो हर समय कर सकते हैं। ट्रस्ट लोगों को आमंत्रित कर रहा है, किन्तु का नाम छूट जाए तो वो आए एवं दर्शन करे। सबका स्वागत है।

CPI(M) की पोलितब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं होगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करती है किन्तु एक धार्मिक कार्यक्रम को राजनीति से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने इसे धार्मिक अनुष्ठान का राजनीतिकरण बताते हुए गलत करार दिया। आपको बता दें कि वामपंथी नेता वृंदा करात ने राम मंदिर का निमंत्रण स्वीकार करने से मना कर दिया था। वृंदा ने कहा था कि राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में न जाने के पीछे उनकी पार्टी की बुनियादी सोच है। उन्होंने इस समारोह के राजनीतिक उपयोग का आरोप लगते हुए कहा कि संविधान के हिसाब से भारत की सत्ता किसी धार्मिक रंग का नहीं होना चाहिए। सीताराम येचुरी ने वृंदा करात का समर्थ किया था।

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