अम्मा - जिसकी हलचल ने ही बढ़ा दी थी अटल सरकार की मुश्किल
अम्मा - जिसकी हलचल ने ही बढ़ा दी थी अटल सरकार की मुश्किल
Share:

चेन्नई। तमिलनाडु की राजनीति में जयललिता ने एआईएडीएमके की कमान संभालने के ही साथ अपना प्रभाव दिखाना प्रारंभ कर दिया था। 6 बार राज्य के मुख्यमंत्री के पद को संभालना कोई आसान काम नहीं था लेकिन जयललिता ने अपने मंत्रिमंडल, समर्थकों और अपने नेतृत्व कौशल के माध्यम से इस तरह का कठिन कार्य भी आसानी से कर लिया। क्या आप जानते हैं।

एआईडीएमके जैसा क्षेत्रीय दल राष्ट्रीय राजनीति में भी अपना महत्वपूर्ण दखल रखता है। इस दल का इतना प्रभाव है कि सत्ता के गलियारों में सरकार बनने और सरकार के रूखसत होने की बातें इस दल की करवट से ही तय हो जाती है। आखिर यह सब किसकी बदौलत हुआ यह सब हुआ तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के कुशल नेतृत्व के कारण।

दरअसल वर्ष 1999 में जयललिता ने राष्ट्रीय राजनीति में पहली बार दस्तक दी थी। गौरतलब है कि 17 अप्रैल 1999 की घटना को आखिर कौन भूल सकता है। दरअसल केंद्र की 13 माह की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार 1 मत के चलते गिर गई थी।

दरअसल वह केंद्र को अपनी मांगे मनवाने के लिए दबाव में रखती थीं कि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वे सरकार को बर्खास्त कर देंगी। वर्ष 1999 के मार्च माह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की भेंट जयललिता से हुई ऐसे में जयललिता केंद्र सरकार से समर्थन वापस लेनेके लिए तैयार हो गईं और सरकार के सामने संकट आ गया।

कौन संभालेगा जयललिता की मुश्किल विरासत

जयललिता के अलावा इन मुख्यमंत्रियों का भी हुआ पद पर रहते निधन

 

 

 

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -