इस ताकतवर देश में सफल हो चुका है नागरिकता संशोधन बिल
इस ताकतवर देश में सफल हो चुका है नागरिकता संशोधन बिल
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भारत की राजनीति में इस समय नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर बहस चल रही है लेकिन, उस वक्त इजराइल का कनेक्शन भी आपको जानना जरुरी है. दरअसल हर देश अपने मूलभूत नागरिको के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहता है. लेकिन भारत जिस नए प्रावधान को आज जोड़ने की कोशिश कर रहा है, उसका सीधा कनेक्शन इजराइल के नागरिक कानून से है.

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किसी धर्म के आधार पर पहली बार इजराइल ने नागरिक कानून 1950 में लागू किया था. इस कानून के अनुसार पूरी दुनिया में यहूदी धर्म को मानने वाले बिना रोकटोक इजराइल की नागरिकता ले सकते हैं. हालांकि नागरिकता देने से पहले सरकार इसका सत्यापन जरुर करती है. लेकिन पूरी दुनिया के यहूदियों को इजराइल सरकार नागरिकता लेने के लिए खुले दिल से स्वागत करती है. धार्मिक आधार पर नागरिकता अन्य किसी देश में नहीं दी जाती. 

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अगर आपको नही पता तो बता दे कि मौजूदा नागरिकता संशोधन विधेयक के अनुसार पाकिस्तान, बांग्‍लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौध और पारसियों को भारत में नागरिकता दिया जाएगा. इस कानून के पास होने के बाद भारत 2014 से पहले आए इन देशों के 6 धर्मों के शर्णार्थी नागरिकता के पात्र होंगे.विपक्ष लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनो में सरकार द्वारा इस नए विधेयक में मुस्लमानों को शामिल नहीं करने का विरोध कर रहा है.

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