क्या कहता हैं देश का इकोनॉमिक सर्वे ?
क्या कहता हैं देश का इकोनॉमिक सर्वे ?
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बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी हैं. इसी के साथ ही पिछले साल के बजट में हुए आवंटन का लेखा-जोखा इकोनॉमिक सर्वे संसद में पेश किया गया. इसमें वित्त वर्ष 2018 में अ‍र्थव्यवस्था की रफ्तार 6.75 फीसदी रहने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2019 में इसकी रफ्तार बढ़ने के साथ 7 से 7.75 फीसदी तक होने का अनुमान लगाया गया हैं. इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019 भारतीय इकोनॉमी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है.

सर्वे में कहा गया है क‍ि एक्सपोर्ट सेक्टर से इकोनॉमी को बूस्ट मिलने की उम्मीद है. जानिए इकोनॉमिक सर्वे के बारे में और भी. आर्थ‍िक सर्वेक्षण अथवा इकोनॉमिक सर्वे पिछले साल बांटे गए खर्चों का पूरा ब्यौरा होता हैं जिससे ये पता लगता हैं कि सरकार के पिछले साल कहां-कहां कितना धन खर्च किया और बजट में की गई घोषणाओं को किस हद तक पूरा करने में सफलता पाई.

इसके साथ ही सर्वेक्षण के आकड़ो से ये भी पता लगाया जाता हैं कि पिछले साल अर्थव्यवस्था के क्या हाल रहे और आगामी वर्ष में ये किस दिशा में बड़ सकती हैं. सर्वेक्षण के आधार पर ही आर्थिक नीतियां बनायीं जाती हैं, इस सर्वेक्षण से इकोनॉमी को लेकर कई सुझाव भी सरकार के सामने रखे जाते हैं. इस बार सर्वेक्षण में दिए गए सुझाव कृष‍ि पर केंद्रित रहने की संभावना जताई जा रही है.

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