दुनिया पर छाऐ आतंकवाद की मूल जड़ है पश्चिमी देशों की पुरानी गलतियां

दुनिया पर छाऐ आतंकवाद की मूल जड़ है पश्चिमी देशों की पुरानी गलतियां
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नई दिल्लीः आध्यात्मिक लेखिका मारिएन विलियमसन 13 वें हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में शामिल हुई हैं उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा हैं कि आज जो दुनिया में आतंकवाद अपने पैर पसार रहा हैं उसके पिछे मूल कारण वो गलतिया हैं जो पश्चिमी देशों ने की हैं। आज पश्चिमी देशों की गलतियों का खामियाजा पूरे विश्व को भुगतना पड़ रहा हैं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अगर पश्चिमी देश अपनी गलतियों को मान ले तो आंतकवाद से मुक्ती पाई जा सकती हैं।

विलियमसन ने कहा कि मनुष्य जैसा करता है वैसा फल उसे भुगतना पड़ता है। पश्चिमी देशों ने जिस प्रकार ऐशियाई देशों के शासनकाल को उखाड़ने के लिए हथियार उठाऐ थे और अपनी पूरी फौज को उनके खात्मे के लिए तैयार किया था। आज उन्हीं देशों के नागरिक आतंकवादी बनकर उनके सामने चुनौती बनकर खडे़ हैं।

दुनिया भुगत रहा है अमेरिका की गलती।

विलियमसन अमेरिकी लेखिका और प्रवक्ता हैं उन्होंने आगे कहा कि इस्लामिक स्टेट के उदय की असली वजह अमेरिका है ज्ञात है साल 2003 में अमेरिका ने इराक पर कैसा कहर बरसाया था उन भीषण नरसंहार का परिणाम है इस्लामिक स्टेट और दिनोदिन इस संगठन की ताकत बढ़ती जा रही हैं और एशिया का बहुत बढ़ा भू-भाग आईएस के नियंत्रण में आ गया है। इस संगठन ने मौत के आनलाइन विडियो जारी कर दुनिया में खौफ पैदा कर दिया है। विलियमसन ने कहा की अमेरिका अब भी अपनी गलती मान ले और उस संबंध में अपनी बात रखें तो इस आतंकवाद से निपटने का रास्ता सुलझ सकता हैं। अन्यथा अब दुनिया को इस आतंकवाद से कोई नहीं बचा सकता।

आज दुनिया को विवेकानंद के आदर्शो की जरूरत है।

विलियमसन की बातों का रब्बी रैमी शेपीरो ने स्वागत किया हैं और आगे कहा कि आज दुनिया को विवेकानंद के आदर्शो पर चलने की जरूरत है शेपीरो ने कहा विवेकानंद ने 1893 में वैश्विक धर्म संसद में अपने उद्बोधन में कहा था भाई-बहनों। वास्तव में वो पल बड़े ऐतिहासिक थे और उन्हीं आदर्शो को ध्यान में रखकर आज सभी देशों को एक परिवार की तरह व्यवहार करना चाहिए।

भारत को तबाह करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश

धर्म, अध्यात्म और चैतन्यता को केंद्र में रखकर आयोजित हुए इस कार्यक्रम में आंतकवाद और पुंजीवाद पर भी चर्चा हई। विलियमसन ने अपनी बात को रखते हुए कहा की भारत में जिस तरह से पश्चिमी कंपनिया अपना विस्तार कर रही हैं। उससे कृषि प्रधान इस भारत में किसानो की जिंदगी बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि कोई एक व्यक्ति किसानों के हित के लिए नही लड़ सकता। हमें अब मिलकर आगे आना चाहिए।

आज विश्व को शांति भारत से ही मिल सकती है

विलियमसन ने आगे भारत को केंद्र में रखकर अपनी बात कही और कहा की आज अगर विश्व शांति कहीं से प्राप्त कर सकता हैं तो वो भारत से। क्योंकी भारत के पास वो ज्ञान मौजूद हैं जहां से पश्चिमी देशों की सोच बदल सकती हैं। उन्होंने कहा की पश्चिमी देशों की सोच दूसरों को नीचा दिखाकर बड़ा बनने की है जो बिल्कूल गलत है। ऐसा करने से केवल अपने अहंकार का प्रर्दशन होता हैं। आज विश्व को भारतीय दर्शन के मुताबिक जीने की जरूरत हैं।

विलियमसन ने विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सबसे पहले हमें अपने अंदर की आवाज को महत्त्व देना चाहिए ना की आर्थिक लाभ को तवज्जो देना चाहिए। आज विश्व को भारत के प्राचीन ज्ञान की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा की अध्यात्म को जीवन के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक पहलुओं से अलग नहीं किया जा सकता। आज जो विश्व आतंकवाद और तनाव के दौर से गुजर रहा है ये पश्चिमी अंधानुकरण को अपनाने से हुआ है आज हमें फिर से भारत के अध्यात्म की और लौटना पड़ेगा। क्योंकि दुनिया को शांति यहीं से मिलेगी।

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