बॉलीवुड की कई फिल्मों में अपनी बेहतरीन एक्टिंग दिखाने वाली अभिनेत्री विद्या बालन इन दिनों शकुंतला देवी को लेकर चर्चाओं में हैं. विद्या का कहना है वह तय मानदंडों पर चलने की बजाय अपने दिल की सुनना ज्यादा पसंद है. जी दरअसल हाल ही में एक वेबसाइट से हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि, 'ऐसा काम करना जो आपके लिए स्वाभाविक नहीं है, वह दर्दनाक हो सकता है और इसका एहसास उन्हें कुछ साल पहले हुआ था.'
इसके अलावा उन्होंने बताया, "मुझे लगता है कि इस बात को करीब 10 साल हो गए हैं, जब मैंने अपने अंदर की आवाज को सुनना और उसका अनुसरण करना शुरू किया. मैंने पाया कि यह आसान है." इसी के साथ जब उनसे पूछा गया कि क्या वह विद्रोही हैं? तो उन्होंने कहा, "मैं खुद को एक विद्रोही के रूप में नहीं देखती. मुझे लगता है कि जब आप लोगों की इच्छा के विपरीत काम करते हैं तो उन्हें अक्सर विद्रोही करार दिया जाता है. मैंने वही किया जो मैं करना चाहती थी."
आगे उन्होंने कहा "मैं अपनी फिल्म को लेकर अपनी टीम तक से भी चर्चा नहीं करती हूं क्योंकि मुझे उस किरदार के साथ कुछ महीनों तक जीना है. यदि मैं किसी गलत कारण के चलते फिल्म करूं तो यह प्रताड़ना की तरह होगा. अतीत में मैंने ऐसा किया है, कई फिल्में लेते वक्त मैंने दिल की नहीं सुनी." आप सभी को बता दें कि पहली बार विद्या साल 2005 में 'परिणीता' में दिखाई दी थी. उसके बाद उन्होंने 'द डर्टी पिक्चर', 'तुम्हारी सुलु' जैसी फिल्मों में काम कर सबका दिल जीत लिया.
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