बहुत ही प्यारा है भारतीय वायु सेना का इतिहास
बहुत ही प्यारा है भारतीय वायु सेना का इतिहास
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भारतीय वायुसेना के खेमे में आज स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान शामिल हो चुके है। इस लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर का नाम 'प्रचंड' रखा गया है। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी की उपस्थिति में जोधपुर एयरबेस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इन हेलिकॉप्टरों को औपचारिक रूप से वायु सेना के बेड़े में शामिल हो चुकी है । वायुसेना के बेड़े में इस वक़्त दमदार लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ रही है। इन दमदार विमानों का प्रदर्शन लोगों को जल्द देखने को मिलने वाला है। दरअसल देश हर वर्ष भारतीय वायु सेना दिवस को एक वार्षिक उत्सव की तरह सेलिब्रेट करते है। इस वर्ष पहली बार वायुसेना गाजियाबाद से बाहर वायुसेना दिवस मनाने जा रही है। चंडीगढ़ में सुखना लेक पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और तीनों सेना प्रमुख सहित हजारों लोग शामिल होने वाले है।

भारतीय वायुसेना के बारे में जानें: भारतीय वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। यूपी के गाजियाबाद में स्थित हिंडन वायुसेना स्टेशन एशिया में सबसे बड़ा है। भारतीय वायुसेना के अस्तित्व में आने के उपरांत से अब तक यह अपने ध्येय वाक्य 'नभ: स्पृशं दीप्तम्' के मार्ग पर चल रहा है। जिसका अर्थ है 'गर्व के साथ आकाश को छूना।' वायु सेना के इस ध्येय वाक्य को भगवत गीता के 11वें अध्याय से लिया जा चुका है। भारतीय वायुसेना का रंग नीला, आसमानी नीला और सफेद है।

कब मनाया जाता है वायुसेना दिवस?: भारतीय वायुसेना दिवस हर वर्ष 8 अक्टूबर को सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन गाजियाबाद के हिंडन वायुसेना स्टेशन पर कार्यक्रम का आयोजन होता है। जिसमें सेना के अधिकारी सहित कई दिग्गज शामिल होते हैं और आसमान में दमदार विमानों का प्रदर्शन भी किया जाता है।

भारतीय वायुसेना का इतिहास: इंडिया और पाकिस्तान के विभाजन से पहले भारतीय वायुसेना की स्थापना हो गई थी। 8 अक्टूबर, 1932 को औपनिवेशिक शासन के अधीन अविभाजित इंडिया में वायुसेना की स्थापना की गई। भारत की वायुसेना द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल हुई, जिसके लिए किंग जार्ज VI ने सेना को 'रायल' प्रीफिक्स से भी सम्मानित किया गया है। हालांकि देश की आजादी के बाद जब भारत गणतंत्र राष्ट्र बना तो प्रीफिक्स को हटा दिया गया।

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