'वीर सावरकर हमारे भगवान, उनका अपमान बर्दाश्त नहीं..', पहली बार राहुल गांधी के खिलाफ बोले उद्धव ठाकरे
'वीर सावरकर हमारे भगवान, उनका अपमान बर्दाश्त नहीं..', पहली बार राहुल गांधी के खिलाफ बोले उद्धव ठाकरे
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मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे एक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमलावर हो गए हैं और कांग्रेस नेता को चेतावनी भी दे डाली है। उद्धव ने राहुल गांधी द्वारा स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर अपमानजनक टिप्पणी किए जाने पर कहा कि सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बता दें कि, जबसे उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस से हाथ मिलाया है, इसके बाद से यह पहली बार था कि उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी के खिलाफ कुछ बोला हो। हालाँकि, इससे पहले भी राहुल गांधी कई बार सावरकर पर विवादित बयान दे चुके हैं। 

नासिक के पास मालेगांव शहर में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए पुर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह मराठी मानुस के प्रेरणास्रोत वीर सावरकर के खिलाफ किसी भी अपमानजनक टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। बता दें कि पिछले दिनों राहुल गांधी ने अपनी सदस्यता जाने के बाद प्रेस वार्ता करते हुए कहा था कि 'मैं सावरकर नहीं हूं, गांधी हूं और गांधी कभी माफी नहीं मांगता।' उद्धव ठाकरे ने अपनी 30 मिनट की स्पीच में कहा कि, 'कल मैंने राहुल गांधी की प्रेस स्टेटमेंट सुनी। यह लड़का वास्तव में अच्छा बोलता है। उसने एक मुश्किल सवाल पूछा, 20 हजार करोड़ रुपये किसका है, भाजपा के पास इसका एक जवाब नहीं है।'

उद्धव ने आगे राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए कहा कि वीर सावरकर उनके (उद्धव के) भगवान हैं, उनका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ठाकरे ने अपने भाषण में आगे राहुल गांधी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि उनकी पार्टी महाविकास अघाड़ी (MVA) में है, क्योंकि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होकर भाजपा के विरुद्ध लड़ रहे हैं। अगर आप एक साथ लड़ना चाहते हैं, तो यह स्पष्ट है कि हमारे भगवान का तिरस्कार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ठाकरे ने आगे कहा कि सावरकर के खिलाफ एक भी शब्द बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह इस सार्वजनिक मंच से एक खुली चेतावनी है। 

उद्धव ने अपने संबोधन में कहा कि कोई भी उस युग में अंग्रेजों द्वारा सावरकर को दी गई यातनाओं के संबंध में पढ़ सकता है। अगर कोई वास्तव में क्रूरता, अत्याचार की सजा का अनुभव करना चाहता है, तो इसके लिए फ्लैशबैक में जाना होगा। उद्धव ने समझाने का प्रयास किया कि कैसे 15 साल की आयु में ही वीर सावरकर ने भारत को ब्रिटिश शासन के चंगुल से मुक्त कराने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने की शपथ ग्रहण की थी। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ी और 14 वर्षों तक ब्रिटिश शासन की क्रूर यातनाएं झेलनी पड़ीं। 14 साल तक वीर सावरकर को अंडमान और निकोबार द्वीप की सेलुलर जेल में कारावास के दौरान चाबुक से पीटा गया था। कोई आम व्यक्ति 14 वर्षों तक इतना क्रूर अत्याचार नहीं सह सकता है। 

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