उत्तराखंड के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक असाधारण फैसला देते हुए अरुणाचल प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार बहाल कर दी। अपने कथन के अनुसार पांच माह में ही घड़ी की सुई उलटी घुमाते हुए कांग्रेस की नबाम तुकी सरकार बहाल कर दी.
23 फरवरी को अदालत ने फैसला सुरक्षित रखते समय घड़ी की सुई उलटी घुमाने की चेतावनी दी थी। फैसले के बाद बुधवार रात ही तुकी ने मुख्यमंत्री पद संभाल भी लिया। कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने एकमत से निर्णय दिया है कि जिस तरह अरुणाचल में राज्यपाल ने फैसले लिए और निर्देश दिए, वे असंवैधानिक थे.इसलिए कलिखो पुल सरकार के लिए गए सभी फैसले भी अमान्य हो गए हैं। जाहिर तौर पर यह केंद्र सरकार के लिए झटका है। इस फैसले ने संसद के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने का अंदेशा भी बढ़ा दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में राज्यपाल की भूमिका पर तीखी टिप्पणी है। अदालत का फैसला पढ़ते हुए जस्टिस जेएस खेहर ने राज्यपाल की भूमिका पर सवाल खड़ा किया। कहा कि जिस तरह उन्होंने सत्र का समय बदला, फिर सत्र जिस तरह चलाया गया, वह असंवैधानिक था.