भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की भूमिका सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय साक्ष्यों के आधार पर इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई पर फैसला करेगा. रविशंकर ने कहा कि हिंसा के अलावा पीएफआई के तार प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से भी जुड़ रहे हैं. इन को मद्देनजर गृह मंत्रालय पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला करने वाला है.
मोहन भागवत आज से तीन दिवसीय दौर पर इन्दौर में, CAA को लेकर बैठक होगी अहम
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने राज्य में 19 दिसंबर को सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में हुई हिंसा को लेकर पीएफआई की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने के लिए गृह मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा था. हिंसा के मामले में यूपी पुलिस ने पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष समेत इसके तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था. पीएफआई दिल्ली आधारित एक संगठन है, जिसकी स्थापना 22 नवंबर, 2006 को हुई थी.
Republic Day 2020: बंगाल की झांकी को लेकर गृह मंत्रालय ने कही ये बात
अपने बयान में रविशंकर ने सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने पर विपक्षी पार्टियों को आड़े हाथों लिया. साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि सीएए किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनेगा. रविशंकर ने कहा, ‘मैं सीएए का समर्थन करता हूं. कुछ लोग नए कानून को समझे बगैर इसका विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस इसे समझने को तैयार नहीं है, जो ज्यादा हैरान करने वाला है. माकपा, भाकपा और दूसरे वामदल जानबूझकर इस कानून को समझना नहीं चाहते. यह देश के किसी भी नागरिक पर लागू नहीं होगा. यह किसी भी भारतीय को न तो नागरिकता देता है और न उनकी नागरिकता छीनता है.’ उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ केरल विधानसभा से पास हुआ प्रस्ताव असंवैधानिक है. सीएए संसद से पास हुआ है और सभी राज्य इसको लागू करने के लिए बाध्य हैं.
गोवा नागरिकों के लिए बड़ी खबर, इन लोगों पर नहीं पड़ेगा CAA प्रभाव
उत्तरप्रदेश : एसएसपी वैभव कृष्ण ने किया बड़ा दावा, फेक वीडियो किया गया वायरल