संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो भी देश शांति सेना को लेकर अपना योगदान देते हैं, उनमें से अधिकांश को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाता है। ये देश शांति सेना से संबंधित निर्णय नहीं लेते हैं, मगर संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद में सुधार लाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए यह कहा गया कि एक उच्च स्तरीय स्वतंत्र पैनल द्वारा इस बात को स्वीकार किया गया है जिसमें यह कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में बड़े पैमाने पर सैनिकों के माध्यम से आप सहयोग कर सकते हैं।
मामले में यह भी कहा गया कि वैश्विक संगठन द्वारा निर्णय लेने की प्रक्रिया का यह हिस्सा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा आमंत्रित की गई शिखर बैठक में भी उन्होंने भाग लिया। जिसमें उन्होंने कहा कि आवश्यकता संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद में सुधार लाने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।
यही नहीं देश संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान में बड़े पैमाने पर सैनिकों के माध्यम से भागीदारी करते हैं लेकिन जब ये निर्णय लेने वाली प्रक्रिया में भागीदार नहीं बनते हैं तो वे अधिक भागीदारी नहीं निभा पाते हैं। उन्होंने कहा कि शांति सेना की सफलता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नैतिक बल पर भी टिकी हुई है।