उमरिया : पत्रकार चंद्रिका राय और उसके परिवार की हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए CBI ने बड़ा खुलासा कर दिया है। यह स्पष्ट कर दिया है लूट के इरादे से इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। चंद्रिका ने PWD के एसडीओ हेमंत झारिया के के बेटे को अगवाह करवाया था।
फिरौती के रूप में उसने मोटी रकम वसूली थी। इस फिरोती की रकम को लूटने के लिए धरणीश सिंह, रमेश यादव, विनय यादव, सलीम खान, रज्जू और पप्पु 17 फरवरी 2012 की रात चंद्रिका राय के घर गए थे। रात के अंधेरे चंद्रिका की पत्नी दुर्गा ने दरवाजा खोला था।
जैसे ही आरोपियों ने लूट की वारदात को अंजाम देना चाहा उसी दौरान यह सनसनीखेज हत्याकांड हुआ। सोमवार को CBI ने 2000 पन्नों का आरोप पत्र पेश किया है। 17 फरवरी 2012 की दरमियानी रात चंद्रिका राय के घर में घुसकर आरोपियों ने डाकेती की नीयत से इस वारदात को अंजाम दिया था।
आरोपियों ने न सिर्फ चंद्रिका राय बल्कि उनकी पत्नी दुर्गा राय, उनके पुत्र जलज और पुत्री निशा की बेरहमी से हत्या कर दी थी। जब दूसरे दिन लोगो को घटना का पता चला तो घटनास्थल पर मौजूद लोगो की रूह काँप गई। पहले इस घटना की जांच पुलिस ने की थी लेकिन यह मामला एक याचिका के कारण हाईकोर्ट ने CBI को सौंप दिया।