कांग्रेस के दो बरिष्ठ नेता सभा के दौरान आपस में भिड़े
कांग्रेस के दो बरिष्ठ नेता सभा के दौरान आपस में भिड़े
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चंडीगढ़ : चंडीगढ़ के नयागांव में एक फार्म में चल रही कांग्रेस की दलित सम्मेलन सभा में दो वरिष्ठ नेता आपस में भीड़ गए. दोनों नेताओं के भे हल्की झड़प भी हुई. ये बाकया है चंडीगढ़ के नयागावं का जहा एक कांग्रेस सभा में नेता हंसराज हंस और विधायक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी आपस में उलझ पड़े. सभा में कैप्टन अमरिदंर सिंह, प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी, सह प्रभारी हरीश चौधरी, राज्य सभा सदस्य शमशेर सिंह दूलों, जालंधर के सांसद संतोख चौधरी समेत दलित समाज से जुड़े कई विधायक व नेता उपस्थित थे।

सभा में सब कुछ ठीकठाक चल रहा था इसी बीच चरणजीत सिंह चन्नी अपने भाषण के लिए माइक के सामने आये. वहीँ मंच पर जाने माने सूफी गायक व कांगेस नेता हंसराज हंस भी मौजूद थे। चन्नी ने अपने भाषण में जैसे ही कहा कि "कांग्रेस समाज के हर धर्म व वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलती है" इस बात पर हंस इतना भड़क गए के अपनी जगह से उठ कर चन्नी के समीप पहुचे और उनके हाथ से माइक छीन लिया और कहा आप जो कह रहे हो वो सब झूठ है और पार्टी ने मेरे साथ धोखा किया है.

हंस राज इस बात से इतने गुस्से में आ गए के वो मंच से नीचे कूद पड़े और मंच के नीचे मौजूद वाल्मीकि समाज के लोगों के साथ नारेबाजी करने लगे उनकी इस हरकत से कैप्टन अमरिंदर सिंह और आशा कुमारी सहित सभी नेता सन्न रह गए. इसी बीच हंस और चन्नी में झड़प भी हुई.

चरण जीत सिंह चन्नी को बनाया विधायक दल का नेता...

इस पर दलित समाज के एक नेता शमशेर सिंह दूलो ने कहा कि पार्टी दलित समाज से जुड़े हुए लोगों को अपनी पार्टी में जगह तो भरपूर देती है लेकिन उनका सम्मान नहीं करती। शमशेर की इस बात को नकारते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पार्टी ने दलित समाज को काफी कुछ दिया है। जैसे की पार्टी का प्रधान अगर सामान्य कटैगरी से बनाया गया तो विधायक दल के नेता को दलित समाज से चुना गया, जो मेरे हिस्से आई। इसी प्रकार राज्यसभा की बात की जाए तो तीन सीटों में से दो सीटें सामान्य वर्ग को गई और तीसरी दलित समाज को जससे शमशेर सिंह दूलो को राज्य सभा भेजा गया। दूलों का नाम सामने आते ही हंसराज अपना आप खो बैठे और चन्नी से माइक छीन लिया और उनके साथ धक्का मुक्की भी की।

हंस का इस पर कहना था की - पार्टी के द्वारा जो एकता का पाठ पढ़ाया जा रहा है वह एेसा नहीं है। हंस ने अपने राज्यसभा में भेजे जाने के मामले में कहा की जब मुझे राज्यसभा भेजा जाना था तब दलित समाज के नेताओं ने उनका जमकर विरोध किया। इससे स्पष्ट होता है कि पार्टी में पक्षपात किया जा रहा हैं। हंसराज के इतना बोलते ही वाल्मीकि समाज के लोग मंच के नीचे एक साथ हो कर नारेबाजी करने लगे और हंस भी गुस्से में उनके साथ हो लिए और स्टेज से नीचे कूद कर उनके साथ नारेबाजी करने लगे. काफी मशक्कत के बाद हंस को शांत किया जा सका.

राजनीति को नर्क कहने वाले हंस राज ने थामा कांग्रेस का दामन...

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