भारत में एक तरफ बहुत तेजी से कोरोना संकट अपने पैर पसार रहा है. वही, दूसरी तरफ कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादी गुटों के बीच एक नया टर्फ युद्ध छिड़ गया है - नवगठित 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (TRF), जो लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के सदस्यों द्वारा शुरू किया गया है. आधिकारिक सूत्रों ने मीडिया को बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष कमांडर अब्बास शेख ने अपना संगठन छोड़ दिया है और टीआरएफ में शामिल हो गए हैं.
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इस मामले को लेकर शुक्रवार को 'तहरीक ए पुपिल्स पार्टी' ने एक हाथ से लिखा हुआ पोस्टर जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि उसके ऑपरेशनल कमांडर अब्बास ने हिज्बुल मुजाहिदीन को छोड़ दिया है क्योंकि वह कश्मीरी पुलिसकर्मियों और नागरिकों को मारने की नीति से असहमत था. सूत्रों के मुताबिक अब्बास पूरी तरह से भूमिगत हो गया है. हिजबुल से और साथ ही सुरक्षा बलों को टीआरएफ के साथ अपने बचाव करते हुए दोनों से छिपा हुआ है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस खबर को लेकर सूत्रों ने कहा कि अब्बास के 12 सक्रिय सदस्य होने और जमीनी कार्यकर्ताओं (ओजीडब्ल्यू) की एक अज्ञात संख्या होने का दावा है. हालांकि, टीआरएफ को शुक्रवार को अब्बास के दलबदल पर एक बयान जारी करने की जल्दी थी. अपने इस्लामिक जिहादी लोगो और 'विजय तक प्रतिरोध' के आदर्श वाक्य के साथ एक लेटर हेड पर, TRF ने कहा, "कुछ दिन पहले हमने हिज्ब को कश्मीरी पुलिसकर्मियों या नागरिकों को मारने से रोकने के लिए चेतावनी दी थी.
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