लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को पत्र लिखकर होम क्वारंटाइन के लिए भेजे जाने वाले डॉक्टर्स के लिए आवास की सुविधा की जाने की बात कही है. पत्र में कहा गया है कि यह वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण एहतियाती उपाय होगा. स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में एसोसिएशन ने कहा कि हाल ही में विभिन्न अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों की रिपोर्ट आई है जिन्होंने सीओवीआईडी -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है. इसके परिणामस्वरूप, उनके प्राथमिक संपर्क, जो ज्यादातर उनके सहकर्मी और निवासी डॉक्टर हैं, को होम संगरोध पर रहने की सलाह दी गई है, एसोसिएशन ने कहा.
शनिवार को राज्य में नहीं मिला कोई पॉजिटिव केस
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कुछ निवासी डॉक्टर अस्पताल परिसर में आवंटित हॉस्टल में रहते हैं जबकि कई विभिन्न स्थानों पर अपने घरों में रहते हैं. उनमें से कई इस घर संगरोध के बारे में चिंतित हैं क्योंकि अधिकांश अपने परिवारों के साथ रह रहे हैं.
उत्तराखंड में तेज बारिश और ओलावृष्टि से हुआ ठंड का एहसास
अपने बयान में उन्होंने कहा कि घर पर वृद्ध परिवार के सदस्यों के साथ-साथ छोटे बच्चे भी हैं जो इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. डॉक्टर स्वयं अपने परिवार के सदस्यों के लिए संक्रमण का स्रोत हो सकते हैं. इसलिए, जब तक वे वायरस के लिए नकारात्मक परीक्षण नहीं करते हैं, तब तक अलग-अलग आवास प्रदान करना आवश्यक है. साथ ही, एसोसिएशन ने कहा कि मेडिकल बिरादरी कोरोना वायरस महामारी के लिए इस राष्ट्रीय प्रतिक्रिया में एक साथ खड़ा है, डॉक्टर और अन्य चिकित्सा कर्मचारी इस महामारी को रोकने के लिए अपने सर्वोत्तम प्रयासों में लगा रहे हैं. साथ ही ये भी कहा कि हम कोरोना वायरस कर्तव्यों पर डॉक्टरों के लिए आवास और अन्य सुविधाएं प्रदान करने में भारत सरकार के प्रयासों की सराहना करते हैं.
ऋषिकेश एम्स में कोरोना की पुष्टि, संक्रमितों की संख्या हुई 50
रवाना हुई मां यमुना की डोली, शुभ मुहूर्त में खुलेंगे गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट
43 साल बाद भी नहीं कर पाएंगे बाबा के दर्शन, अपने धाम को रवाना हुई डोली