प्रदेश में जनजातीय कला, संस्कृति और विरासत को सहेज कर रखा जाएगा : मुख्यमंत्री शिवराज
प्रदेश में जनजातीय कला, संस्कृति और विरासत को सहेज कर रखा जाएगा : मुख्यमंत्री शिवराज
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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में जनजातीय कला, संस्कृति और विरासत को सहेज कर रखा जाएगा। जनजातीय नायकों की मूर्तियां स्थापित करने के कार्य में कमी नहीं रहने दी जाएगी। समाज के गौरव और सम्मान के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश में वीरांगना रानी दुर्गावती की गौरव यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें जनजातीय वर्ग की बढ़-चढ़-कर भागीदारी होगी। मुख्यमंत्री चौहान गत दिवस निवास कार्यालय में जनजातीय समाज के लोगों और समाज के सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारियों से चर्चा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वर ने धरती के संसाधन सभी के लिए बनाए हैं। प्राकृतिक संसाधनों पर सभी का हक है। सामाजिक समरसता और समन्वय के साथ गरीबों को न्याय मिले, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। जनजातीय क्षेत्र में एक समय में स्कूल और छात्रावासों का अभाव था। अब व्यापक स्तर पर स्कूल, छात्रावास, कॉलेज जगह-जगह खोले गए हैं। बेटियाँ शाला जाकर पढ़ नहीं पाती थीं, इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने वर्ष 2006-07 में बेटियों को साइकिल देने का अभियान शुरू किया। इसके बाद बेटों को भी साइकिल देना शुरू हुआ। बड़ी संख्या में बच्चों ने स्कूल, कॉलेज जाना शुरू किया। अब बड़ी संख्या में बेटा-बेटी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा जी का पानी विभिन्न जिलों में पहुँचाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में कपिलधारा के कूप व्यापक स्तर पर खुदवाए गए हैं। सिंचाई की सुविधा बढ़ने से अच्छी फसल पैदा होने लगी है। सिंचाई के साधनों का लगातार विस्तार किया जा रहा है। विकास की दौड़ में पीछे रह गए लोगों को बराबरी पर लाया जाएगा। पेसा नियम लागू किया गया है। जनजातीय क्षेत्रों में गौण खनिजों पर पंचायतों को अधिकार दिया गया है। पेसा नियम के प्रत्येक प्रावधान को लागू किया जा रहा है। पेसा नियम महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान चलाया गया है। रोजगार और स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने के लिए युवाओं के लिए सब्सिडी की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में एक लाख पदों पर भर्ती जारी है, 50 हजार पदों पर भर्ती और होगी।

जनजातीय समाज के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएँ संचालित की गई हैं। बैगा, भारिया, सहरिया जनजाति की महिलाओं को पोषण आहार अनुदान की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से सामाजिक क्रांति आ रही है। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में युवाओं को प्रशिक्षण और भत्ता देने की योजना बनी है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना जैसी कई योजनाएँ चल रही हैं। विदेशों में अध्ययन, नीट की परीक्षा आदि के लिए सुविधा प्रदान की जा रही है। अब मेडिकल और इंजीनियर की पढ़ाई हिन्दी में होगी। यह क्रांतिकारी फैसला है। आज लगभग 46 लाख बेटियाँ लाड़ली लक्ष्मी हैं।

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में प्रदेश की सवा करोड़ बहनों को 1000 रूपए दिए जाएंगे, जो धीरे-धीरे 3 हजार तक पहुँच जाएंगे। मेरी संकल्पना है कि हर बहन लखपति बने। उन्होंने समाज के लोगों से कहा कि आमआदमी के कल्याण की योजनाओं का समुचित लाभ दिलाने के लिए मिलकर काम करें। बहनों के कल्याण की योजनाओं का लाभ ठीक ढंग से दिलाने के लिए लाड़ली बहना सेना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकार और प्रशासन के बीच की कड़ी बनकर शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग कर अपना जीवन अर्थपूर्ण बनाएँ। टीम बनाकर विभिन्न व्यवस्थाओं पर नजर रखी जाए। मुख्यमंत्री चौहान को जनजातीय समाज के लोगों ने तीर-कमान और पुष्प-गुच्छ भेंट किया। मुख्यमंत्री चौहान को साफा बाँध कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में समस्त जिलों के जनजातीय समाज के लोग उपस्थित थे।

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