औली के बाद पर्यटकों को भाया यह ट्रेक, बेहद खूबसूरत है यहाँ का नज़ारा
औली के बाद पर्यटकों को भाया यह ट्रेक, बेहद खूबसूरत है यहाँ का नज़ारा
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देहरादून: यह बात तो हम सभी के मन को भाती है कि कोई ऐसी घूमने वाली जगह हो जो मन को पूरी तरह से भा ले. वहीं आज हम आपको कुछ ऐसा ही बताने जा रहे है. उत्तराखंड में सबसे ज्यादा पसंददीदा पर्यटन स्थल औली के बाद अब पर्यटकों को सुरम्य ब्रह्मताल ट्रेक खूब पसंद आ रहा है. उत्तराखंड के चमोली जिले में बने इस  ब्रह्मताल ट्रेक पर अब तक इस सीजन में लगभग तीन हजार देशी-विदेशी पर्यटक सैर कर चुके हैं.  पर्यटकों की बढ़ती संख्या से स्थानीय युवा भी गदगद हैं. देवाल विकास खंड के वाण, मुंदोली, कुलिंग और बांक गांव के करीब 200 युवा सैलानियों के साथ गाइड के रुप में कार्य कर पर्यटन स्वरोजगार को भी बढ़ावा दे रहे हैं. लेकिन अभी तक यह पर्यटन स्थल पर्यटन विभाग की नजरों से दूर है. 

वहीं यह भी कहा जा रहा है कि देवाल क्षेत्र के अंतिम बस स्टेशन लोहाजंग से ब्रह्मताल तक 27 किलोमीटर लंबा ट्रेक है. यहां वर्षभर पर्यटकों की आवाजाही रहती है. दो वर्ष पूर्व उच्च न्यायालय ने औली के बुग्याल में रात्रि प्रवास पर रोक लगा दी थी. जंहा जिसके बाद पर्यटकों का रुख ब्रह्मताल ट्रेक की ओर हो गया. वर्ष 2018 में इस ट्रेक पर करीब 2500 पर्यटक पहुंचे थे. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि वाण गांव के गाइड सुरेंद्र सिंह, विनोद व कपिल तथा बांक गांव के गाइड वीरेंद्र सिंह का कहना है कि पर्यटकों को क्षेत्र में होम स्टे के साथ ही टेंट की सुविधा दी जा रही है. बर्फ के बीच ट्रेकिंग कर पर्यटक खूब गदगद हो रहे हैं. 

मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के करीब दो सौ युवा पर्यटन स्वरोजगार से जुड़े हुए हैं. इधर, बदरीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ आशुतोष कुमार का कहना है कि ब्रह्मताल ट्रेक के रख-रखाव के लिए जिला योजना से बजट की मांग की जाएगी.ब्रह्मताल ट्रेक पहले से ही चर्चित ट्रेक है. यह वनडे ट्रेक है. जिससे पर्यटकों को कोई असुविधा नहीं होती है. रतगांव और बुरसोल में पर्यटन विभाग की ओर से लोगों को होमस्टे योजना का लाभ दिया गया है. ब्रह्मताल ट्रेक का समय-समय पर प्रचार-प्रसार भी किया जाता है. 

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