मुंबई : देशभर में नेस्ले के उत्पाद मैगी में अमानक स्तर की सामग्री का प्रयोग होने के बाद इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हर कहीं मैगी की बिक्री प्रभावित हुई है। इससे नेस्ले के प्राॅफिट और शेयरों पर भी असर हुआ है। हाल ही में नेस्ले ने अपने बचाव में मैगी को इस तरह से प्रतिबंधित किए जाने को लेकर एक याचिका दायर कर इससे प्रतिबंध हटाने की मांग की थी। जिसे लेकर मुंबई हाईकोर्ट में आज सुनवाई की जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार नेस्ले द्वारा मैगी पर रोक लगाने के विरूद्ध मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसमें यह कहा गया कि नेस्ले द्वारा एफएसएएआई द्वारा जारी किए गए आदेश के विरूद्ध अपील की गई है। नेस्ले का मानना है कि वह इस तरह की जांच से संतुष्ट नहीं है।
इस पूरे मामले को लेकर मैगी ने एक अलग तर्क दिया है। यही नहीं मामले में महाराष्ट्र में खाद्य और दवा प्रशासन ने 6 जून वर्ष 2015 को एफएसएसएआई द्वारा दी गई रिपोर्ट को लेकर न्यायिक राय मांगी है। जिसमें कहा गया कि मैगी नूडल को बाजार में वापस लाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। यह इन सभी बातों से बिल्कुल अलग होगा और इसमें किसी का भी हस्तक्षेप नहीं होगा। मामले में यह भी कहा गया है कि नेस्ले इंडिया के मैगी नूडल्स के विभिन्न प्रकारों पर प्रतिबंध लगाए जाने की बात कही गई है।
उल्लेखनीय है कि मैगी का सेवन करने वालों ने इसमें खराबी की कुछ शिकायतें की थीं। जिसके बाद इस मामले में जांच की गई। मैगी के सैंपल में जहां लेड की मात्रा पाई गई वहीं इसका स्वाद परिवर्तन करने वाले मोनोसोडियम और ग्लूटामेट की मात्रा भी बहुत अधिक पाई गई इसके बाद मैगी के विज्ञापनों को भी प्रतिबंधित कर दिया गया। इसके साथ ही देशभर में मैगी को प्रतिबंधित कर दिया गया।