आतंकी के जनाजे में उमड़ी भीड़, लगे भारत विरोधी नारे
आतंकी के जनाजे में उमड़ी भीड़, लगे भारत विरोधी नारे
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पुलवामा​ : हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी को आज पुलवामा के त्राल में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान कर्फ्यू के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों का हुजुम जुटा। हजारों की संख्या में सड़कों पर उतरे लोगों ने भारत विरोधी नारे भी लगाए। जनाजे में जमा हुए लोगों ने आतंकी के लिए दुआ मांगी। श्रीनगर में स्थानीय रहवासियों ने सुरक्षा बलों पर पत्थर भी बरसाए।

आतंकी की मौत के बाद फैली हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हो गई। बुरहान के मारे जाने के बाद से पुलवामा, दक्षिण कश्मीर सहित श्रीनगर के की क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। घाटी में इस बदले माहौला को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से अमरनाथ यात्रा को रोक दी गई है। साथ ही आज होने वाली बोर्ड की परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया है।

ऐहतियात के तौर पर मोबाइल व इंटरनेट सेवाओं पर अस्थायी रुप से विराम लगा दिया गया है, ताकि कोई अफवाह न फैलाया जा सके। ट्रेनों को भी अगली सूचना तक के लिए बंद कर दिया गया। आगे अब सुरक्षा बलों के लिए मुसीबत वानी के शव का अंतिम संस्कार कराना होगा। यदि अंतिम संस्कार अनंतबाग के बीजबेहरा में होता है, तो कहीं भीड़ बेकाबू न हो जाए।

इस चुनौती से निपटने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। हुर्रियत कांफ्रेस गिलानी गुट के चेयरमेन सैयद अली शाह गिलानी ने वानी के मारे जाने के खिलाफ तीन दिनों का कश्मीर बंद का ऐलान किया है। बुरहान को कश्मीर का पोस्टर ब्वॉय कहा जाता है। शुक्रवार को सुरक्षा बलों के साथ सवा घंटे तक चली मुठभेड़ में सेना और पुलिस ने बुराहन व उसके तीन साथियों को मार गिराया।

एनकाउंटर के बाद से सुरक्षा बलों और लोगों के बीच झड़प हो गई। कुछ जगहों पर सीआरपीएफ के बंकरों में भी लोगों ने आग लगा दी। पत्थरबाजी के कारण कई जवान घायल भी हुए। केवल हिज्बुल के ही नहीं, इस साल सुरक्षाबलों ने रिकॉर्ड संख्यां में जम्मू कश्मीर में सक्रिय सारे आतंकी संगठनों को टॉप कमांडर को मार गिराया है।

जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी के रज़िंदर ने बताया कि यह सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है। बुरहान नौजवानों को बरगालाता था और उन्हें प्रभावित भी करता था। बुरहान युवाओं को बहकाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता था। उसके कई फोटो भी वायरल हो चुके है। बीते तीन सालों में इसने कश्मीर में कई वारदातों को अंजाम दिया।

दक्षिणी कश्मीर में सक्रिय इस आतंकी ने 15 साल की उम्र से 2010 में हिज्बुल को ज्वाइन कर लिया था। उसके भाई की इंडियन आर्मी ने हत्या कर दी थी, इसी का बदला लेने के लिए उसने हिज्बुल ज्वाइन किया। उस पर 10 लाख के इनाम की घोषणा भी की गई थी।

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