![इस बार](https://media.newstracklive.com/uploads/other-news/religious-news/Apr/28/big_thumb/budhh_5ae44bb27e2f7.jpg)
हिन्दू धर्म में वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध जयंती मनाई जाती है. हिन्दू धर्म और बौद्ध धर्म के समुदायों के लिए विशेष महत्वपूर्ण दिवस के रूप में मनाया जाने वाला त्यौहार हैं बुद्ध पूर्णिमा. इस दिन प्रातः नदी या सरोवर में स्नान कर दान-पुण्य करने से अपार समृद्धि की प्राप्ति होती हैं. बुद्ध जयंती को मनाने महापरिनिर्वाण जयंती के रूप में भी मनाया जाता हैं .
बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध का जन्म लुम्बिनी,भारत में हुआ था और इसी दिन भगवन बुद्ध को बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी अर्थात भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण ये तीनों एक ही दिन अर्थात वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुए थे,ऐसा किसी अन्य महापुरुष के साथ आज तक नहीं हुआ है.
हिन्दू धर्मग्रंथो के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य और धर्म-कर्म के अनेक कार्य किए जाते हैं. बुद्ध पूर्णिमा पर हरिद्वार, वाराणसी, इलाहाबाद समेत कई जगहों पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करके भगवन से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.
महात्मा बुद्ध ने 29 वर्ष की आयु में ही घर छोड़ दिया और सन्यास ले लिया तथा गयाब प्राप्ति के पश्चात् भगवान बुद्ध ने चार आर्यसत्य बताए हैं, जिसके माध्यम से मनुष्य को जीवन जीने की प्रेरणा दी है.
इसलिए है हिन्दू धर्म में काली माँ इतना महत्व
वास्तुशास्त्र के अनुसार इस पक्षी की तस्वीर दिलाती हैं तरक्की
आज से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग
राशि के अनुसार जानें, कौन से रोग से घिर सकते हैं आप
मई के माह में यह 5 बातें आपको कई मुसीबतों से बचा लेगी