'ये लोकसभा चुनाव से पहले साजिश..', ED चार्जशीट में प्रियंका गांधी का नाम आने पर आगबबूला हुई कांग्रेस, जानिए पूरा मामला
'ये लोकसभा चुनाव से पहले साजिश..', ED चार्जशीट में प्रियंका गांधी का नाम आने पर आगबबूला हुई कांग्रेस, जानिए पूरा मामला
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नई दिल्ली: केंद्रीय जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित आरोपपत्र में पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को नामित करने के बाद कांग्रेस नेताओं ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि जैसे-जैसे 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक आएगा, ऐसी और साजिशें रची जाएंगी। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि, "देखिए चुनाव से पहले वे क्या करेंगे, यह तो बस शुरुआत है।"

वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि भाजपा, कांग्रेस से डरती है। उन्होंने कहा कि, "अंग्रेज तब गांधी से डरते थे और आज भी केंद्र सरकार गांधी परिवार से डरती है। भाजपा लोगों को असली मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही है।" हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कई नेताओं के नाम ED के साथ जुड़े हैं। बता दें कि, ED के आरोप पत्र में 2006 में दिल्ली स्थित रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा से हरियाणा के फरीदाबाद में लगभग 5 एकड़ कृषि भूमि खरीदने और फरवरी 2010 में उसी जमीन को ऊँची कीमतों में उसी को बेचने (जिससे ख़रीदा था) में प्रियंका गांधी वाड्रा की भूमिका का उल्लेख किया गया है। ED के मुताबिक, फरीदाबाद के अमीपुर गांव में जमीन पाहवा से खरीदी गई थी, उसी एजेंट से प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी 2005-05 के बीच अमीपुर में 334 कनाल (40.08 एकड़) जमीन के तीन टुकड़े खरीदे थे और वही जमीन दिसंबर 2010 में उसे ही ऊँचे दामों पर बेच दी थी। प्रवर्तन एजेंसी द्वारा दायर पहले के आरोपपत्र में मामले के संबंध में प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का भी नाम था।

स्पष्ट शब्दों में कहें तो- प्रियंका वाड्रा ने साल 2006 में एचएल पाहवा नामक एक प्रॉर्पटी डीलर से पहले कम दाम में जमीन खरीदी और फिर कुछ समय बाद उसी जमीन को 5 गुना अधिक दाम पर उसी प्रॉपर्टी डीलर को वो बेच दी। प्रियंका ने 2006 में 15 लाख रुपए देकर वो जमीन खरीदी थी, जिसे उन्होंने 84 लाख में वापस उसी डीलर को बेच दिया। ऐसे में कुछ सवाल उठे थे कि कोई भी प्रॉपर्टी डीलर, अपनी ही जमीन को वापस 5 गुना कीमतों में क्यों खरीदेगा ? वो भी तब जब उसके पास देने को पैसे नहीं हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पाहवा ने प्रियंका गाँधी को 22 मई 2009 से 11 सितंबर 2009 के बीच में 5 किश्तों में रकम चुकाई थी और बड़ी बात ये है कि इसके पीछे का कारण पैसों की कमी को 
बताया गया था। इस बीच एक सीसी थम्पी का भी नाम सामने आता है, जिसने पाहवा को जमीन में निवेश करने के लिए 54 रुपए दिए थे। वहीं, प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा भी जमीनों की खरीद-फरोख्त में शामिल हैं। इनके बीच क्या लिंक है, क्या ये सौदे काले धन को सफ़ेद करने के लिए किए गए ? इन सभी चीज़ों की जांच अब ED के हाथ में है, जिसने पहली बार प्रियंका वाड्रा का नाम अपनी चार्जशीट में शामिल किया है। 

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