बिहार की राजनीति में विधानसभा चुनाव नजदीक आ गए है. जिसके बाद चुनावी दलों के बीच जनता को लुभाने के लिए बयानबाजियों का दौर प्रांरभ हो गया था. इसी बीच जेडीयू नेता अजय आलोक ने कहा कि बिहार में एनडीए एकजुट है. मुख्यमंत्री पद पर कोई विवाद नहीं है.नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री के मुख्य चेहरे होंगे. लेकिन दूसरी ओर महागठबंधन में अब तक चेहरे को लेकर विवाद है. दल तेजस्वी को अपना नेता मानने को तैयार नहीं हैं.
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इस मामले को लेकर जेडीयू नेता ने कहा कि अमित शाह पहले ही बोल चुके हैं. फिर सुशील मोदी ने भी कहा और अब स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी लगातार बोल रहे हैं कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री के चेहरे होंगे और एनडीए की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटेगी. असल विवाद महागठबंधन के अंदर है. आरजेडी में भी तेजस्वी को नेता मानने को लोग तैयार नहीं हैं.उन्होंने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस कल को टूटते नजर भी आ सकते हैं. मानवश्रृंखला में ही उनके बीच की दूरी साफ नजर आ गई थी. उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि आरजेडी और कांग्रेस के कई विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में भविष्य देखते हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आरजेडी ने अपने जिलाध्यक्षों की सूची जारी की, जिसमें अति पिछड़ा, दलित को 45 फीसदी जगह दी गई है. इसी सवाल का जवाब देते हुए अजय आलोक ने कहा कि जिसे सारा आरक्षण अपने परिवार के लिए चाहिए, वह दूसरे को क्या आरक्षण देगा ? आरजेडी कोई पार्टी नहीं है. यह तो 10 सर्कुलर रोड पर ही खत्म हो जाती है.इसके अलावा जेडीयू नेता अजय आलोक ने दिल्ली चुनाव पर कहा कि उम्मीद है कि एनडीए का वनवास यहां टूटेगा और वह सरकार बनाएगी.
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