पीएम मोदी के सामने यूँ ही नहीं झुके पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री, ये हिंदुस्तान की 'वसुधैव कुटुंबकम' की नीति का 'सम्मान' है
पीएम मोदी के सामने यूँ ही नहीं झुके पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री, ये हिंदुस्तान की 'वसुधैव कुटुंबकम' की नीति का 'सम्मान' है
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नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी इस समय 6 दिवसीय विदेश दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री के इस दौरे से कई ऐसी ख़बरें सामने आ रहीं हैं, जिससे हर भारतीय को फख्र महसूस हो रहा है। जैसे जापान के हिरोशिमा में G-7 की बैठक से इतर दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का भारतीय पीएम मोदी से ऑटोग्राफ माँगना, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अंटोनी अल्बनीज़ का भारत और हमारे प्रधानमंत्री की तारीफ करना। लेकिन, रविवार को जो वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैला, वो यह बताता है कि, भारत अगर अपनी 'वसुधैव कुटुंबकम' (पूरा विश्व एक परिवार है) की इसी धारणा के साथ आगे बढ़ता रहा, तो हिंदुस्तान एक विश्व गुरु बनकर पूरी दुनिया का नेतृत्व कर रहा होगा।   

 

बता दें कि, ये वीडियो ओशिआनिया के एक देश पापुआ न्यू गिनी से सामने आया है। ये एक छोटा देश है, मगर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा द्वीपीय देश है। पीएम मोदी जापान के हिरोशिमा में G-7 मीटिंग में शामिल होने के बाद सीधे पापुआ न्यू गिनी पहुँचे। इस दौरान वहाँ के पीएम जेम्स मारापे (James Marape) ने जिस प्रकार से पीएम मोदी का स्वागत किया, उसने भारतीयों के साथ दुनियाभर के लोगों का दिल छू लिया। पीएम जेम्स मारापे ने पाँव छू कर पीएम मोदी को सम्मान दिया। वो सम्मान में हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री के आगे झुके, बदले में पीएम मोदी ने भी उन्हें गले लगा लिया। दुनियाभर के लोग न केवल इसे भारत के बढ़ते प्रभाव के रूप में देश रहे हैं, बल्कि भारतीय संस्कारों के प्रसार का भी एक रूप मान रहे हैं। 

बता दें कि, ये सब अचानक नहीं हुआ है, भारत ने यह सम्मान अपनी सर्वे भवन्तु सुखिनः की नीति पर चलकर अर्जित किया है। इसे समझने के लिए हमें 2 साल पहले जाना होगा। 13 अप्रैल, 2021 को भारत ने पापुआ न्यू गिनी को 1,32,000 कोविड वैक्सीन की खेप भेजी थी। ये वो दौर था, जब दुनियाभर के ज्यादातर वैक्सीन निर्माता देश एक्सपोर्ट में कटौती कर रहे थे। ऐसे मुश्किल वक्त में भारत ने AstraZeneca कोविड-19 वैक्सीन की ये खेप पापुआ न्यू गिनी को भेजी, जब पूरी दुनिया में कोरोना की वजह से स्थिति बेहाल थी और इस वैश्विक महामारी से लगातार लोग जान गंवा रहे थे। भारत ने UNICEF के साथ मिल कर कई अन्य देशों को भी कोरोना वैक्सीन की खेप भेजी थी। तब पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार प्रशांत महासागर में स्थित इस देश के मदद के लिए सामने आई थी। यही मुख्य वजह है कि आज वहाँ के प्रधानमंत्री सारे प्रोटोकॉल तोड़ते हुए भारत के पीएम का पाँव छू कर उन्हें सम्मान दे रहे हैं।

कोरोना महामारी के उस दौर में, जब पापुआ न्यू गिनी की स्वाथ्य व्यवस्था चरमरा गई थी और वहाँ कोरोना संक्रमण बढ़ता ही चला जा रहा है। भारत ने भी उस वक़्त स्वदेश में लोगों के टीकाकरण पर जोर दे रखा था, मगर इसके बावजूद हिंदुस्तान ने पापुआ न्यू गिनी को वैक्सीन देकर उसकी मदद की। ये एक गरीब देश है, जिसके पास बड़ी मात्रा में कोरोना वैक्सीन खरीदने की क्षमता नहीं थी। इससे पहले करीब एक करोड़ की आबादी वाले इस देश के लिए ऑस्ट्रेलिया ने 8000 वैक्सीन डोज भेजी थी, जो उसे काफी कम पड़ी, इसके बाद भारत उसकी मदद के लिए आगे आया था।

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