रेल मंडल टला बड़ा हादसा, दुर्घटनाग्रस्त होने से बची यात्रियों से भरी ट्रैन
रेल मंडल टला बड़ा हादसा, दुर्घटनाग्रस्त होने से बची यात्रियों से भरी ट्रैन
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रेल मंडल में मंगलवार को बड़ा हादसा होने से बच चुका है। 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही 1100 से अधिक यात्रियों से भरी नैनी दून एक्सप्रेस के सामने तकरीबन 100 किलो का पत्थर आ गया। इससे इंजन का पहिया उठ गया और गाड़ी 100 मीटर तक घसीटती हुई गई। ड्राइवर ने समझदारी से किसी तरह ट्रेन को रोक लिया। खबरों का कहना है कि घटना मंगलवार रात देर शाम 7:30 बजे की है। देहरादून से काठगोदाम के मध्य चलने वाली (12091) नैनी दून एक्सप्रेस स्योहारा से आगे बढ़ी तो ट्रैक पर रखा बड़ा पत्थर पहियों के नीचे आया। ट्रेन की रफ्तार तेज होने के कार जोर से कट-कट की आवाज आई और बोगियां हिलने लग गई। ट्रेन में सवार यात्री घबरा गए। 

ड्राइवर ने फौरन ट्रेन की रफ्तार धीमी की और फिर ब्रेक लगाकर रोक दिया। उतरकर देखा तो बड़ा पत्थर पटरियों और पहियों के मध्य में था। ड्राइवर ने फौरन कंट्रोल को जानकारी दी। मैकेनिकल विभाग की टीम ने मेवानवादा पहुंचकर औजारों से पत्थर के टुकड़े किए। जिसके उपरांत बमुश्किल पहियों के मध्य फंसे पत्थर को निकाला गया। इसके बाद ट्रेन को आगे बढ़ा दिया गया।

कांठ में 36 मिनट खड़ी रही ट्रेन: ड्राइवर ने मेवानवादा से ट्रेन को आगे बढ़ाया जिससे अन्य ट्रेनें प्रभावित न हो सके। जिसके उपरांत कांठ में रोककर घटनाक्रम रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया। ट्रेन के ड्राइवर, सहायक ड्राइवर, गार्ड व यात्रियों के बयान दर्ज किए जा चुके है। इस बीच ट्रेन कांठ में 36 मिनट खड़ी रही। घटनाक्रम को रेल अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप में भेज दिया गया। सारे मामले की जानकारी होने के बाद रेलवे प्रशासन ने फौरन इस मामले की जांच बैठा दी है।

पटरियों पर कहां से आया इतना बड़ा पत्थर:  खबरों का कहना है कि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पत्थर का वजन 100 किलो से अधिक था। इतना विशाल पत्थर ट्रैक पर कहां से आया, यह सवाल रेलवे अधिकारियों को परेशान कर रहा है। जिस इलाके  में घटना हुई वहां RPF पेट्रोलिंग नहीं करती है, लेकिन रेलवे के ट्रैकमैन वहां पेट्रोलिंग करते हैं। इंजीनियरिंग विभाग के जिम्मेदारों से पूछताछ अब भी की जा रही है। अधिकारियों का इस बारें में बोलना है कि जहां घटना हुई वहां आम लोगों की आवाजाही भी नहीं है। ट्रैक पर बड़ा पत्थर कैसे आया, इसकी जांच करवाई जा रही है। खबरों की माने तो ड्राइवर की समझदारी से हादसा बच गया। ट्रेन संचालन भी प्रभावित नहीं हुआ। हम इस मामले की तह तक जाएंगे की ट्रैक पर इतना बड़ा पत्थर कैसे आया। रेलवे स्टाफ ने वहां पेट्रोलिंग भी की थी। इस घटना की कार्रवाई शुरू की जा चुकी है।

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