इस मंदिर में भोग नहीं लगाने पर दुबली हो जाती है श्रीकृष्ण की मूर्ति, रहस्यमयी है मंदिर
इस मंदिर में भोग नहीं लगाने पर दुबली हो जाती है श्रीकृष्ण की मूर्ति, रहस्यमयी है मंदिर
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सनातन धर्म में जन्माष्टमी का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है तथा यह प्रमुख पर्वों में से एक है। प्राचीन काल से प्रभु श्री कृष्ण के जन्म को समर्पित ये त्योहार भव्य रूप से आयोजित होता आया है। इस वर्ष 6 एवं 7 सितंबर 2 दिनों तक देश भर में कृष्ण जन्मोत्सव का उल्लास रहने वाला है। त्योहार के अवसर पर अक्सर ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर में दर्शन करने के लिए उमड़ती हैं। मथुरा-वृंदावन सहित देश में कुछ ऐसी जगह है, जहां पर खास रूप से श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जाती है।

वही आज हम आपको एक अनोखे कृष्ण मंदिर के बारे में बताते हैं जो दक्षिण भारत में उपस्थित है। इस मंदिर की रहस्यमय कहानी किसी को भी हैरान कर सकती है। दरअसल, इस मंदिर में स्थापित प्रभु श्री कृष्ण की प्रतिमा आहिस्ता-आहिस्ता दुबली हो रही है। चलिए आज हम आपको इस मंदिर के बारे में सारी जानकारी देते हैं। प्रभु श्री कृष्ण का यह खूबसूरत सा मंदिर केरल के कोट्टायम में स्थित है। यह जगह करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है और न सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि देश और दुनिया भर की अलग-अलग जगह से आने वाले पर्यटक यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

मंदिर का इतिहास और कथा:-
स्थानीय लोगों के अनुसार ये मंदिर 1500 वर्ष पुराना है तथा तभी से इसे चमत्कारी और रहस्यमयी माना जाता है। कुछ लोग तो यह भी बोलते हैं कि इस मंदिर का निर्माण इंसान ने नहीं बल्कि भगवान ने स्वयं किया था। इस मंदिर से एक दिलचस्प पौराणिक कथा भी जुड़ी हुई है। जिसके अनुसार, वनवास के चलते यहां पर पांडव श्री कृष्ण की प्रतिमा की पूजन अर्चन किया करते थे। वो प्रातः शाम यहां पर दीप प्रज्वलित कर कन्हैया को भोग चढ़ाते थे। जब वो यहां से गए तो प्रतिमा को उन्होंने यही छोड़ दिया तथा उसके बाद स्थानीय लोगों ने इसकी पूजन अर्चन आरम्भ की और देखते ही देखते ये मंदिर मशहूर हो गया। वही इस मंदिर से जुड़ी एक चौंकाने वाली बात यह भी है कि यहां मौजूद प्रभु श्री कृष्ण की प्रतिमा दुबली हो रही है। 

मान्यताओं के अनुसार, भगवान को भूख लगती रहती है तथा समय पर यदि उन्हें भोग नहीं लग पाता तो उनकी भूख अधिक बढ़ जाती है तथा प्रतिमा दुबली होने लगती है। मंदिर में सुबह शाम दो समय भगवान की आरती की जाती है तथा दिन में तकरीबन 10 बार भोग लगाया जाता है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि बार-बार भोग लगाए जाने के कारण श्री कृष्ण की भूख बढ़ती जा रही है। वही इस मंदिर से एक और विचित्र मान्यता जुड़ी हुई है। 24 घंटे में इसे सिर्फ 2 मिनट के लिए बंद किया जाता है। जानकारी के अनुसार, यदि यहां ताला खोलने में 2 मिनट से अधिक का वक़्त लगता है तो उसे तोड़ दिया जाता है जिससे श्री कृष्ण को भोग लगाने में देरी न हो पाए। श्रद्धालुओं के बीच ये मंदिर ब्शुत लोकप्रिय है तथा वो अपनी मनोकामनाएं लेकर यहां पहुंचते हैं।

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