दूसरे राज्य में बेटी की शादी करना घरवालों को पड़ा भारी, पंचायत ने समाज से निकाला बाहर
दूसरे राज्य में बेटी की शादी करना घरवालों को पड़ा भारी, पंचायत ने समाज से निकाला बाहर
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बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से सामाजिक बहिष्कार का एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक पंचायत का तालिबानी फरमान सामने आया है। वाड्रफनगर क्षेत्र के इंजानी में कुर्मी समाज ने एक महिला एवं उसके परिवार को इसलिए समाज से बाहर कर दिया, क्योंकि उसकी चिकित्सक बेटी ने दूसरे प्रदेश के एक चिकित्सक लड़के से शादी करने का फैसला लिया था। पंचायत ने विवाह में सम्मिलित होने वाले 18 व्यक्तियों पर जुर्माना भी लगाया। अब छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने इस पर संज्ञान लिया है।

महिला आयोग में पीड़ित महिला माला पटेल ने शिकायत की थी कि उनकी बेटी निधि पटेल गायनोकोलॉजिस्ट है। बेटी के लिए एक बेहतर रिश्ता तलाश तलाश कर जब ये लोग परेशान हो गए तो ओडिशा में इनको राकेश प्रधान नाम का एक लड़का मिला जो पेशे से चिकित्सक है। वह कुनबी समाज का है। मगर समाज के लोगों ने यह कहकर इस शादी का विरोध किया कि लड़का दूसरी जाति का है। समाज के लोगों ने शादी के पहले गांव में मीटिंग आयोजित कर उन पर दबाव बनाया कि वे रिश्ता तोड़ दें। माया पटेल ने यह बोलते हुए शादी तोड़ने से मना कर दिया कि शादी में सिर्फ 5 दिन शेष हैं। वह कार्ड भी बांट चुकी हैं। ओडिशा का कुनबी समाज भी कुर्मी जाति में आता है। फिर भी समाज के दबंगों ने इसे मानने से मना कर दिया तथा शादी में सम्मिलित नहीं होने का फैसला सुनाया। निधि पटेल की शादी 2 मई 2023 को अंबिकापुर में हुई। समाज के ठेकेदारों ने चिकित्सक बेटी की शादी में सम्मिलित होने वाले 18 व्यक्तियों को समाज से बाहर निकालने की धमकी देते उन पर भी 2050 रुपये का जुर्माना लगा दिया। 

वही अपनी शिकायत में पीड़ित पक्ष ने कहा है कि इस घटनाक्रम से उसका परिवार मानसिक तौर पर प्रताड़ित हुआ है। उन्होंने सुनवाई के लिए राज्य महिला आयोग में आवेदन दाखिल किया था। जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में इस मामले की 2 घंटे तक सुनवाई हुई। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा‌. किरणमई नायक ने मामले की सुनवाई की तथा समाज के ठेकेदारों को कड़ी फटकार भी लगाई। इस के चलते समाज के लोगों ने अपनी गलती कबूल की तथा बहिष्कार वापस लेने का वचन दिया। अब समाज के लोग गंगाजल लेकर महिला एवं उसके परिवार को समाज में प्रवेश कराएंगे। मामले में कुर्मी समाज के जिलाध्यक्ष जेपी पटेल ने लोगों से पैसा लेने की बात कबूल की। उन्होंने बताया कि समाज के विकास के लिए उन्होंने पैसे लिए थे। लोग यदि पैसा वापस मांगेंगे तो उनको वापस कर दिया जाएगा। इस मामले की सुनवाई के चलते बहुत गहमागहमी का माहौल रहा। अब आशा है की पीड़ित परिवार का सम्मान भी वापस मिल जाएगा।

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