दक्षिण कोरिया के 5.1 करोड़ लोगों की उम्र एक या दो साल कम हो चुकी है। दरअसल, दक्षिण कोरिया के लोगों की अचानक से रातोंरात आयु कम होने के पीछे का कारण उम्र की गणना को लेकर जारी किया गया नया रूल भी है। खबरों का कहना है कि देश ने उम्र की गणना करने वाले अपने पारंपरिक पद्धति को पूरी तरह से बदल दिया गया है। उसने दुनिया भर में उपयोग की जा रही अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को भी पूरा कर लिया है। बुधवार को पेश किए गए संशोधनों के तहत, अनुबंधों और अन्य आधिकारिक दस्तावेजों सहित अधिकांश प्रशासनिक व नागरिक केसों में उम्र की गणना बाकी दुनिया की तरह ही की जाने वाली है।
देश ने पारंपरिक पद्धति को त्यागा: दक्षिण कोरिया जन्म के समय शून्य से आयु की गणना करने और प्रत्येक बर्थडे पर एक साल जोड़ने के अंतरराष्ट्रीय मानदंड का इस्तेमाल 1960 के दशक से चिकित्सा और कानूनी उद्देश्यों के लिए कर रहा है। इसके बावजूद, कई लोगों ने अपने रोजमर्रा के जीवन में पारंपरिक पद्धति का उपयोग करना जारी रखा हुआ है। दिसंबर में, देश ने पारंपरिक पद्धति को त्यागने और अंतरराष्ट्रीय मानक को पूरी तरह से अपनाने के लिए एक कानून पारित भी किया जा चुका है।
यह था पुराना कानून: खबरों का कहना है कि, पिछली प्रणाली के तहत दक्षिण कोरिया में पैदा होने पर बच्चे की एक वर्ष उम्र मानी जाती है। इतना ही नहीं, हर जनवरी को एक सालर्ष के रूप में जोड़ा जा रहा है। ऐसे में, नए वर्ष की पूर्व संध्या पर पैदा हुआ बच्चा आधी रात होते ही 2 वर्ष का हो जाता था। नियमों में परिवर्तन करने की मंजूरी दक्षिण कोरिया की संसद ने दिसंबर में दी थी। संसद का बोलना था कि आयु की गणना के लिए अपनाई गए अंतरराष्ट्रीय प्रणाली से लोगों के बीच पैदा होने वाला भ्रम दूर हो जाएगा।
ये समस्याएं होगी दूर: खबरों की माने तो सरकारी विधान मंत्री ली वान-क्यू ने सोमवार को बोला है कि राष्ट्रपति यूं सुक-योल ने एक प्रतिज्ञा ली थी कि उम्र मानकों में सुधार किया जाने वाला है। अब उम्र प्रणाली में परिवर्तन व कर दिया गया है। उन्होंने इस बारें में बोला है कि अब हमें उम्मीद है कि उम्र की गणना करने के तरीके को लेकर पैदा हुए कानूनी विवाद, शिकायतें और सामाजिक भ्रम बहुत हद तक कम हो सकते है।
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