रोहिंग्या को मिले म्यांमार से बाहर शरण - तसनीम सिद्दीकी
रोहिंग्या को मिले म्यांमार से बाहर शरण - तसनीम सिद्दीकी
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कोलकाता। म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमानों को खदेड़ा जाना गलत व दुर्भाग्यपूर्ण है। वहां की सरकार रोहिंग्या मुसलमानों के विरूद्ध नरसंहार को भड़का रही है। इन लोगों को वहां रहने का अधिकार है। यह कहना है बांग्लादेश के लोकप्रिय राजनीति विज्ञान और शरणार्थी अध्ययन के विशेषज्ञ तसनीम सिद्दीकी का। दरअसल उन्होंने अपने एक साक्षात्कार में कहा कि, यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि वे अपने घर में उत्पीडन का शिकार होने वाले रोहिंग्या को आश्रय प्रदान करें।

यदि ऐसा होता है तो यह विभिन्न देशों की एक अच्छी नीति को प्रदर्शित करता है। विशेषतौर पर उन्होंने भारत और बांग्लादेश से अपील की कि, वे रोहिंग्या मुसलमानों को आश्रय दें। इससे इन देशों की सभ्यता का परिचय मिलेगा। उल्लेखनीय है कि, बीते शुक्रवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद ने कहा था कि, हिंसा से बचने हेतु कुछ लोग म्यांमार से पलायन कर यहां पहुंचे।

हालांकि सरकार ने कहा है कि, वह करीब 10 लाख रोहिंग्या मुसलमानों को दिया जाने वाला अपना समर्थन जारी रखेगी। दूसरी ओर भारत द्वारा ऐसे रोहिंग्या मुसलमानों को चिन्हित किया गया गया है जो कि, अवैध तौर पर भारत आए थे।

उल्लेखनीय है कि, रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर कहा जाता रहा है कि, इस समुदाय के कुछ लोगों के आतंकियों के लिए टूल की तरह इस्तेमाल होने की आशंका रहती है। ऐसे में रोहिंग्या को शरण देना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ठीक नहीं होगा।

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