मुंबई: महाराष्ट्र में सत्ताधारी शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन सरकार में फूट पड़ गई है। गठबंधन की सहयोगी दल स्वाभिमानी पक्ष (SP) ने मंलगवार (5 अप्रैल 2022) MVA से खुद के अलग होने का ऐलान कर दिया है। वहीं, सत्ता में साझेदार कांग्रेस के विधायकों का प्रतिनिधिमंडल पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मुलाकात कर पार्टी विधायकों की अनदेखी करने की शिकायत की है।
सहयोगी दलों में फूट के बाद सीएम उद्धव ठाकरे के लिए मुसीबत खड़ी होती दिखाई दे रही है। स्वाभिमानी पक्ष के नेता राजू शेट्टी (Raju Shetty) ने फैसला लेने से पहले पार्टी के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया और उसके बाद उन्होंने कहा कि गठबंधन और पार्टी के बीच अब कोई तालुक नहीं है और वे सरकार का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है।
शेट्टी ने आगे कहा कि महा विकास अघाड़ी गठबंधन के न्यूनतम साझा कार्यक्रमों में किसानों का हित मुख्य बिंदू था, मगर राज्य सरकार ने इसे अमल में नहीं लाया। उन्होंने कहा कि बीते ढाई वर्षों में बाढ़ के कारण हुए नुकसान के लिए किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया और किसानों की जमीन का अधिग्रहण का मुआवजा सरकार ने कम कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के इन कदमों की वजह से उन्हें विरोध करना पड़ा।
'लोकतंत्र की सीरियल किलर है भाजपा ..', BJP के स्थापना दिवस पर अखिलेश यादव का तंज
पंजाब जीतने के बाद AAP ने हिमाचल प्रदेश में फूंका चुनावी बिगुल, दिया 'हिमाचल मांगे केजरीवाल' का नारा