सूरत: गुजरात के सूरत में कोविड मरीजों के लिए जरूरी रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। यह इंजेक्शन पाने के लिए रात-रात भर सड़क पर लोग बैठे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ 899 रुपये का रेमडेसिविर इंजेक्शन 12 हजार रुपये में बेचे जा रहे हैं। हाल ही में कालाबाजारी कर रहे 6 लोगों को सूरत क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। मिली जानकारी के तहत पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर नकली ग्राहक बन इस कालाबाजारी गैंग का भंडाफोड़ किया। इसी के साथ दिल्ली से सटे गुरुग्राम में भी 3 लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
मिली जानकारी के तहत आपदा को कमाई का अवसर बनाने वाले इन सभी आरोपियों को सूरत क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। खबर मिली है कि कोविड मरीजों के लिए जीवनरक्षक कहे जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन, जिसकी कीमत 899 रुपये है, कि कालाबाज़ारी कर रहे इन आरोपियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। इस समय सूरत में बढ़ते चले जा रहे कोरोना के बीच गंभीर मरीजों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी दिखाई दे रही है।
इस बारे में सूरत के पुलिस कमिश्नर अजय तोमर ने बताया है। अजय तोमर का कहना है कि, 'इंजेक्शन की कमी के चलते इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग होती है। इसका पुलिस को पहले से ही अंदेशा था। कुछ लोग मेडिकल स्टोर में पहले मना करते थे फिर ब्लैक में बेचते थे।'
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