नई दिल्ली: देश में EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। देश की सर्वोच्च अदालत में 5 जजों की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए 3-2 से बड़ा फैसला सुना दिया है। चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (CJI) यूयू ललित के नेतृत्व वाली बेंच ने केंद्र की मोदी सरकार के आर्थिक आधार पर आरक्षण के फैसले को हरी झंडी दे दी है।
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इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने कहा कि EWS कोटा संविधान के खिलाफ नहीं है। 5 न्यायमूर्तियों की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही थी। 5 में 4 जजों ने EWS के पक्ष में राय दी है। EWS आरक्षण (EWS Reservation) पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने संविधान के 103वें संशोधन को जायज ठहराया है और कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण जारी रहेगा।
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बता दें कि, केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से 2019 में सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10 फीसद का आरक्षण देने का फैसला लिया गया था। मोदी सरकार के इस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में 30 से अधिक याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिस पर 27 सितंबर को सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब कोर्ट के फैसले से यह साफ हो गया है कि, देश में EWS आरक्षण जारी रहेगा।
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