नई दिल्ली: जिस लोकायुक्त को सुप्रीम कोर्ट ने खुद चुना था, अब उसे ही अदालत शपथ लेने से रोक रही है। सर्वोच्च अदालत उतर प्रदेश के लोकायुक्त को शपथ ग्रहण करने से रोक रही है। इससे पहले खुद कोर्चट ने ही जस्टिस वीरेंद्र सिंह को उतर प्रदेश का लोकायुक्त घोषित किया था। इसके बाद राज्यपाल राम नाइक ने लोकायुक्त की नियुक्ति को मंजूरी भी दे दी थी।
20 दिसंबर रविवार को वीरेंद्र सिंह लोकायुक्त पद की शपथ लेने वाले थे, इससे पहले ही अदालत का यह फैसला आ गया। बता दें कि इलाहाबाद कोर्ट ने लोकायुक्त की इस नियुक्ति पर सवाल खड़े किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया था। सिंह उतर प्रदेश के पूर्व रिटायर जस्टिस है। कोर्ट के बार-बार बोलने के बावजूद लोकायुक्त नियुक्त न करने पर उतर प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य में सिस्टम फेलियोर है और इसी कारण यूपी में संवैधानिक एजेंसियां नाकाम रही।
अदालत ने यह भी कहा था कि अगर आप लोकायुक्त नियुक्त करने में नाकाम है तो हम आदेश में लिखेंगे कि सीएम, गवर्नर और इलाहाबाद हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस अपनी ड्यूटी निभाने में नाकाम रहे। इसके साथ ही दिल्ली में लोकायुक्त की चर्चा भी तेज हो गई थी।