सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार की कोलकाता पुलिस को कड़ी फटकार लगा डाली है। जी दरअसल कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि, 'आम नागरिकों को सरकार की आलोचना करने के लिए प्रताड़ित नहीं किया जा सकता।' इसके अलावा यह भी कहा गया है कि, 'लाइन मत क्रॉस कीजिए, भारत को एक आजाद देश बने रहने दीजिए। भारत में हर किसी को बोलने की आजादी है और हम सुप्रीम कोर्ट के रूप में फ्री स्पीच की रक्षा करने के लिए है। संविधान ने इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट बनाया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य आम नागरिकों को प्रताड़ित न करें।'
जी दरअसल यह मामला है दिल्ली निवासी एक महिला का जिनको कथित रूप से आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट के लिए कोलकाता पुलिस ने समन भेजा था। हुआ यूँ था कि महिला ने कोरोना महामारी के बीच कोलकाता के भीड़भाड़ वाले राजा बाजार इलाके की तस्वीर शेयर की थी और लॉकडाउन नियमों को लेकर ममता सरकार की ढिलाई पर सवाल खड़े कर दिए थे। महिला की उम्र 29 साल है और उनका नाम रोशनी बिस्वास है। उन्होंने ऐडवोकेट महेश जेठमलानी के जरिए कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
ऐसे में हाई कोर्ट ने महिला को उक्त फेसबुक पोस्ट को लेकर कोलकाता पुलिस के सामने पेश होने को कहा था जिसमें उन्होंने राजा बाजार इलाके में लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाए जाने पर ममता सरकार की आलोचना की थी। अब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘ऐसा लग रहा है जैसे आप उस महिला से कहना चाहते हैं कि सरकार के खिलाफ लिखने की हिम्मत कैसे हुई, हम उसे समन के नाम पर देश के किसी भी कोने से घसीट सकते हैं।’
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