"टिक टॉक" ऐप के बैन पर लगी रोक, 22 अप्रैल को अगली सुनवाई
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नई दिल्ली: "टिक टॉक" ऐप पर प्रतिबन्ध के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से सर्वोच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को तय की गई है. दरअसल, मद्रास उच्च न्यायालय के प्रतिबन्ध के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की गई है. मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए थे कि देश में "टिक टाॅक" ऐप के डाउनलोड पर बैन लगाया जाए क्योंकि यह अश्लील कंटेट को प्रसारित कर रहा है.

अदालत ने मीडिया को भी आदेश दिया था कि वो इस ऐप से बने वीडियोज को प्रसारित ना करें. उल्लेखनीय है कि "टिक टाॅक" ऐप की सहायता से यूजर्स छोटे वीडियो बना कर साझा कर सकते हैं, वो भी स्पेशल इफेक्ट्स के साथ, भारत में इसके प्रति माह 54 मिलियन एक्टिव यूजर्स होते हैं. "टिक टाॅक" ऐप के विरुद्ध मदुरै के वरिष्ठ अधिवक्ता और समाजसेवी मुथु कुमार ने याचिका दायर कर इस पर अश्लील सामग्री को प्रसारित करने का आरोप लगाते हुए बैन की मांग की थी. उन्होंने अपनी याचिका में यह भी आरोप लगाया था कि इस ऐप के कारण बाल उत्पीड़न, आत्महत्या में बढ़ोतरी हो रही है, साथ ही सांस्कृतिक पतन हो रहा है.

अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि जो बच्चे इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, अश्लील कंटेंट उन्हें तेजी से प्रभावित कर रहा हैं. न्यायमूर्ति एन कीरुबाकरन और एसएस सुंदर ने ऐप को प्रतिबंधित करने के आदेश जारी करते हुए केंद्र सरकार से 16 अप्रैल तक जवाब माँगा था. वहीं टिकटॉक ऐप के प्रवक्ता ने कहा था कि वे अदालत के आदेश का इंतजार कर रहे हैं, उन्होंने कहा था कि हम स्थानीय कानून के पालन को लेकर प्रतिबद्ध हैं.

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