फांसी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने की महत्वपू्र्ण टिप्पणी, कही यह बात
फांसी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने की महत्वपू्र्ण टिप्पणी, कही यह बात
Share:

नई दिल्लीः देश में अक्सर मानवाधिकार समूह फांसी का सजा पर प्रश्न उठाते रहते हैं। उनकी मांग है कि मौजूदा वक्त में ऐसी सजा का कोई औचित्य नहीं है। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपू्र्ण टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत ने अपने एक फैसले में कहा है कि परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर भी फांसी की सजा दी जा सकती है मगर इसके लिए सबूत दुरूस्त होने चाहिए। जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने ये टिप्पणी करते हुए पत्नी व चार बच्चों की हत्यारे पिता की फांसी की सजा को उम्रकैद की सजा में तब्दील कर दिया है।

शीर्ष अदालत ने यह फैसला पुनर्विचार याचिका का निपटारा करते हुए लिया है। पीठ ने साफ किया है कि दोषी पूरी उम्र सलाखों के पीछे रहेगा, वह किसी तरह की क्षमादान का हकदार नहीं होगा। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित मामलों में फांसी की सजा सुनाना खतरे से खाली नहीं है, जब तक कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य की बुनियाद ठोस सबूत पर आधारित हो। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भले ही अपराध जघन्य हो और उसे सोझी समझी रणनीति के तहत अंजाम दिया गया हो लेकिन फांसी की सजा सुनने से पहले अदालत को दोषी की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि, उम्र, अपराध के वक्त उस व्यक्ति की भावनात्मक रूप से परेशानी आदि चीजों पर गौर करना चाहिए।

मध्यप्रदेश: पुल की रैलिंग तोड़कर नदी में जा गिरी यात्री बस, 6 की मौत, कई घायल

गांधी जयंतीः विशेष सत्र में विपक्ष के गैरहाजिर रहने पर सीएम योगी ने साधा विपक्ष पर निशाना, बताया, बापू का अपमान

चिन्मयानंद प्रकरण को लेकर प्रियंका का भाजपा पर बड़ा हमला, दी यह चुनौता

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -