2018 में दशहरे के दिन जौड़ा रेल फाटक के पास हुए रेल हादसे की मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट का खुलासा हो चूका है। इसमें पंजाब के पूर्व मंत्री नवजाेत सिंह सिद्धू के करीबी सौरव मदान उर्फ मिट्टू मदान के साथ 23 लोगों को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। 19 अक्टूबर, 2018 को दशहरे की शाम हुए इस हादसे में रावण दहन देख रहे 58 लोगों की मौत हो गई थी। रावण दहन के दौरान रेल लाइन पर खड़े लोगाें को ट्रेन ने रौंद दिया था।
19 अक्टूबर, 2018 की रात रावण दहन देख रहे लोगों को ट्रेन ने रौंद दिया था, 58 लोगों की हुई थी मौत- इस मामले में जालंधर डिवीजन के मजिस्ट्रेट बी. पुरुषार्थ ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट दी। बताया जाता है कि रिपोर्ट में आयोजकों सहित 23 लोगों को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चार हफ्ते में जांच पूरी करने के आदेश दिए थे। बताया जाता है कि मजिस्ट्रेट ने 19 नवंबर, 2018 को ही रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेज दी थी। इसके बावजूद सरकार ने इसे सार्वजनिक नहीं किया। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अजीत सिंह बैंस की अगुवाई वाले मानवाधिकार संगठन के चीफ इन्वेस्टिगेटर सरबजीत सिंह वेरका ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक प्रभाव के चलते रिपोर्ट दबाई गई।
जालंधर डिवीजन के मजिस्ट्रेट बी. पुरुषार्थ ने पिछले साल 19 नवंबर को सौंपी थी सरकार को रिपोर्ट- सरबजीत सिंह वेरका ने पुलिस कमिश्नर डॉ. सुखचैन सिंह गिल को 23 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की शिकायत दी है। उनका कहना है कि अब जीआरपी को रिपोर्ट में शामिल अफसरों के नाम एफआइआर में शामिल करने चाहिए। अगर इंसाफ नहीं मिला, तो वह 15 दिन में हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
इन पर है लापरवाही का आरोप- वेरका ने बताया कि रिपोर्ट में दशहरा कमेटी (ईस्ट) के अध्यक्ष व आयोजक सौरव मदान उर्फ मिट्ठू मदान, महासचिव राहुल कल्याण, सचिव करण भंडारी, सचिव काबल सिंह, प्रेस सचिव दीपक गुप्ता, कैशियर दीपक कुमार, कार्यकारी सदस्य भूपिंदर सिंह, एसीपी प्रभजोत सिंह विर्क, एएसआइ दलजीत सिंह, एएसआइ सतनाम सिंह, मोहकमपुरा थाने के मुंशी व सांझ केंद्र के इंचार्ज बलजीत सिंह, एएसआइ कमलप्रीत कौर, मोहकमपुरा थाने के अतिरिक्त थाना प्रभारी सुखनिंदर सिंह, थाना प्रभारी अवतार सिंह शामिल हैं। इसके अलावा नगर निगम के एस्टेट ऑफिसर सुशांत सिंह भाटिया, इलाका इंस्पेक्टर केवल किशन, पुष्पिंदर सिंह, विज्ञापन विभाग के सुपरिडेंट गिरीश कुमार, क्लर्क अरुण कुमार, डीएमयू के पायलट व असिस्टेंट लोको पायलट, गार्ड व गेटमैन निर्मल सिंह को भी हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया हैनवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी का करीबी माना जाता है सौरव मदान
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सौरव मदान उर्फ मिट्ठू मदान पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजाेत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू का बेहद करीबी माना जाता है। जिस दशहरा कार्यक्रम के दौरान यह हादसा हुआ उसकी मुख्य अतिथि डॉ. नवजाेत कौर सिद्धू थीं। घटना के बाद वह राजनीतिक दलों के निशाने पर आ गई थीं, लेकिन बाद में उनको क्लीनचिट मिल गई। घटना के बाद सौरव मदान भूमिगत हो गया था, लेकिन बाद में वह बाहर आया और अपनी सफाई दी। जानकारी के लिए बता दें कि दशहरे के दिन जौडा़ रेल फाटक के पास स्थित मैदान में रावण के पुतले के दहन के कार्यक्रम को देखने काफी संख्या में लोग आए थे। सैकड़ों की संख्या में लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर कार्यक्रम देख रहे थे। इसी दौरान ट्रैक पर तेज गति से एक ट्रेन आ गई और लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला। ट्रेन लोगों को रौंदते हुए निकन गई। इससे 58 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हो गए। आयोजकों का कहना था कि लोगों को कई बार ट्रैक से हट जाने को कहा गया, लेकिन वे नहीं माने।
अज्ञात लोगों पर दर्ज है गैर इरादतन हत्या का मामला
जीआरपी ने अज्ञात आरोपितों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। इसके बाद जीआरपी व रेलवे मजिस्ट्रेट जांच का इंतजार करते रहे। जीआरपी के थाना प्रभारी सुखविंदर सिंह ने बताया कि वह सरबजीत सिंह वेरका की शिकायत को उच्च अधिकारियों को भेज चुके हैं।
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