सीएम योगी ने उठाया कड़ा कदम, एसएसपी पर हुई कार्यवाही
सीएम योगी ने उठाया कड़ा कदम, एसएसपी पर हुई कार्यवाही
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गुरुवार को गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण के वायरल वीडियो की सच्चाई खुलने के बाद सरकार की त्योरियां चढ़ गई है.एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार की रिपोर्ट आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अफसरशाही के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के तहत नजीर कार्रवाई की गई है. वैभव कृष्ण को निलंबित कर दिया गया है. वैभव कृष्ण ने अपने गोपनीय पत्र में जिन पांच आइपीएस अधिकारियों एसपी रामपुर डॉ.अजय पाल शर्मा, एसएसपी गाजियाबाद सुधीर कुमार सिंह, एसपी सुलतानपुर हिमांशु कुमार, एसपी बांदा गणेश प्रसाद साहा व एसएसपी एसटीएफ लखनऊ राजीव नारायण मिश्रा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे, उन्हें भी पदों से हटा दिया गया है. वैभव कृष्ण के खिलाफ इससे पूर्व सपा शासनकाल में भी निलंबन की कार्रवाई हुई थी. वैभव कृष्ण वर्ष 2016 में एसएसपी बुलंदशहर के पद पर तैनात थे, तब सामूहिक दुष्कर्म की सनसनीखेज घटना के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई हुई थी.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुल 14 आइपीएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी हुई है, जिसमें लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी समेत 11 जिलों की कमान बदली है. शासन ने डीजी इंटेलीजेंस हितेश चंद्र अवस्थी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय तीन सदस्यीय एसआइटी (विशेष जांच दल) गठित की है, जो वैभव कृष्ण के गोपनीय पत्र में लगाए गए भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों की सिलसिलेवार जांच करेगी और 15 दिनों में जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेगी. एसआइटी में आइजी एसटीएफ अमिताभ यश व उप्र जल निगम के प्रबंध निदेशक विकास गोठलवाल को बतौर सदस्य शामिल किया गया है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि एसआइटी की जांच के दायरे में पांचों आइपीएस अधिकारियों के अलावा मुख्य सचिव के मीडिया कार्यालय के निदेशक दिवाकर खरे, पीसीएस अधिकारी गुलशन कुमार व पीसीएस अधिकारी रजनीश की भूमिका भी होगी.समिति जांच के लिए जरूरत के अनुरूप अन्य अधिकारियों का चयन भी करेगी. पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता व भ्रष्टाचार के खिलाफ यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि वैभव कृष्ण के दिनांक रहित गोपनीय पत्र पर 26 नवंबर 2019 को शासन ने डीजीपी ओपी सिंह से तथ्यात्मक जांच आख्या मांगी थी, जो आठ जनवरी को शासन को दी गई. साथ ही वायरल वीडियो की जांच रिपोर्ट भी आ गई.

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