नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम के आय़ोजकों से कहा है कि यमुना नदी में एंजाइम न डाले जाएं। इस मामले में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा है कि हमने आयोजकों से पीएम मोदी के आगमन के लिए अलग से स्टेज बनाने को कहा है। सुनवाई के दौरान यह भी कहा गया कि इस कार्यक्रम से खतरा है।
आगे जल संसाधन मंत्री ने कहा कि हमने 11 से 13 मार्च तक वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल की इजाजत नहीं दी थी। साथ ही पर्यावरण मंत्रालय को एनजीटी ने फटकारते हुए कहा कि ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद मंत्रालय ने कोई भी हलफनामा क्यों नहीं दायर किया।
एनजीटी ने आयोजकों से साफ कर दिया है कि वे यमुना नदी से पूरी दूरी बनाए रखेंगे और एनजीटी के सभी नियमों का पालन करेंगे। दूसरी ओर दिल्ली पुलिस का कहना है कि यदि आयोजन स्थल पर मौजूद खामियों को दूर नहीं किया गया, तो वहां भगदड़ या अफरा-तफरी मच सकती है।
1 मार्च को पुलिस के एकद लाने के लिए आयोजन स्थल का मुआयना किया था। वहां उन्हें खासकर प्रधानमंत्री और अन्य अति विशिष्ट व्यक्तियों के बैठने के लिए बने मंच में कुछ खामियां नजर आईं। वीवीआईपी के लिए बने मंच को जरूरी संरचनात्मक प्रमाण पत्र नहीं मिला, जिसके कारण पुलिस को इस संबंध में शहरी विकास मंत्रालय से संपर्क करना पड़ा। उधर श्री श्री ने अपील की है कि इस कार्यक्रम को राजनीतिक रुप न दिया जाए। आज यह मामला राज्यसभा में भी गूंजता रहा।