संघ की मंशा या फिर RSS सरसंघ चालक मोहन भागवत के विचार
संघ की मंशा या फिर RSS सरसंघ चालक मोहन भागवत के विचार
Share:

नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव के बाद अब एनडीए में हार का मंथन किया जा रहा है। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के संकट मोचक कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डाॅ. मोहन भागवत के बयानों की भी समीक्षा की जा रही है। दरअसल उनके आरक्षण को लेकर दिए जाने वाले बयान को लेकर समीक्षा की जा रही है। बिहार में एनडीए की लुटिया आखिर किस कारण से डूबी इसका मंथन हो रहा है।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डाॅ. मोहन भागवत के बचाव में वे लोग सामने आए और उन्होंने हुकुमदेव नारायण यादव के बयान से इत्तेफाक नहीं रखने की बात भी कहीं भागवत पर आरोप लगाया गया कि आरक्षण पर बयानों के कारण वर्ग विशेष की नाराजगी भाजपा को झेलना पड़ी। भाजपा से दलित जातियां असंतुष्ट हो गईं और दलित वोट बैंक ने भाजपा से किनारा कर लिया।

आरक्षण को लेकर दिए गए बयान से पिछड़ी व दलित जातियों में गुस्सा पैदा हो गया। जिसके कारण पार्टी को वोट नहीं दिया गया। डाॅ. मोहन भागवत ने कमिटी बनाकर आरक्षण के प्रावधान की समीक्षा कर इसे आर्थिक आधार पर भी किए जाने की बात कही थी। आरएसएस ने अपने मुखपत्र पांचजन्य में भागवत के इंटरव्यू के बाद आरएसएस ने आधिकारिक तौर पर सफाई भी दी। यह भी कहा गया कि भाजपा को नुकसान हुआ मगर आरक्षण के मसले पर आरएसएस की मंशा और उसका उद्देश्य सामने आया।

हालांकि विश्लेषकों ने यह भी माना है कि आरएसएस तो 1990 में भी मंडल आयोग की सिफारिशों की आलोचना करता रहा है। बीते चार दशकों से आरएसएस , जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी गैरराजनीतिक संगठनों द्वारा आरक्षण की समीक्षा करने के पक्ष में हैं। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा मेरिट को भी महत्व दिया गया। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा द्वारा गैर- राजनीतिक कमिटी तैयार कर आरक्षण के मसले पर सामने आ रही परेशानियों और पिछड़ी जनजातियों के उत्थान हेतु सकारात्मक प्रयास किए जाने की बात भी कही जाती रही है

लेकिन इस पर आरएसएस और भाजपा की राय कुछ अलग है। हालांकि देश में अब जातिगत आरक्षण का गलत उपयोग होने लगा है। इसका राजनीतिकरण होने से कहा जाता रहा है कि क्रिमिलेयर को ही आरक्षण प्रावधान का असली लाभ मिलता है। दूसरा वर्ग बहुत उपेक्षित रहता है। आरएसएस ने कहा है कि वह आर्थिक आधार पर आरक्षण की समीक्षा करने के पक्ष में है तो दूसरी ओर आरक्षण नीति के विरूद्ध भी है। वह समाज में वर्ण व्यवस्था का पक्षधर है। आरएसएस के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर ने आरक्षण का विरोध भी किया।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -