सियोल: दक्षिण कोरिया ने दो वर्ष की एक योजना बनाई है जो कोरोना वायरस पर नियंत्रण पा लेने के बाद लागू की जाएगी. कोरिया सरकार का मानना है कि कोरोना वायरस के जो असर हुए हैं उसके बाद कम से कम दो वर्ष तक जीवन शैली और काम करने के तरीके को बदलना होगा. इस संबध में गाइडलाइन्स बनाई गई हैं. इन गाइडलाइन्स में काम की लचीली व्यवस्था, वर्क फ्रॉम होम, ट्रांसपोर्ट बुकिंग से लेकर बाहर खाने तक को शामिल किया गया है.
बता दें कि दक्षिण कोरिया, कोरोना वायरस से निपटने में एक रोल मॉडल बन कर सामने आया है, जिसकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है. 28 फ़रवरी के बाद दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के केवल 6 नए मामले दर्ज किए गए हैं. दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस से कोई और मौत भी नहीं हुई है और मौत की संख्या 240 ही है. तक़रीबन 5 करोड़ 20 लाख की आबादी के इस देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामले 10708 रहे हैं.
उम्मीद की जा रही है जल्दी ही प्रतिदिन आने वाले मामले ज़ीरो पर पहुंच जाएंगे. पिछले रविवार तक यह सख्या प्रतिदिन 10 पर पहुंच गई थी. व्यापक टेस्ट और संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों की सघन जाँच दो ऐसे कदम थे जिनके सम्बन्ध में माना जाता है कि इसने कोरिया में कोरोना वायरस के विस्फ़ोट पर अंकुश दिया गया. इस देश ने लंबे लॉक डाउन की बजाए सोशल डिस्टेंसिंग वक़्त पर शुरू की थी.
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