इस साल सोम प्रदोष व्रत 7 जून को मनाया जा रहा है। ऐसे में आज गोधूली बेला (शाम के समय) में शिव भगवान का पूजन किया जाए तो अधिक शुभ फलदायी होता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और भगवान शिव की वह आरती जिसका पूजन के समय पाठ करने से बड़ा लाभ मिलता है और हर काम सम्पन्न होता है।
सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ 7 जून सुबह 08।48 मिनट से तथा 08 जून 2021, मंगलवार को सुबह 11।24 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी।
पूजा का शुभ मुहूर्त चौघड़िया- सुबह 09:05 से 10:45 तक। अभिजीत मुहूर्त- प्रात: 11:52 से 12:47: तक। लाभ : 15:46 से 17:26 तक। अमृत : 17:26 से 19:06 तक।
शिव आरती :
ॐ जय शिव ओंकारा
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव।।।॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव।।।॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव।।।॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव।।।॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव।।।॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव।।।॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव।।।॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव।।।॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव।।।॥
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