केदारनाथ: केदारनाथ धाम के कपाट 9 मई को खुलने वाले हैं, किन्तु मार्च महीने में भी केदारनाथ धाम बर्फलीन है. इस वक़्त केदारनाथ मंदिर में करीब 13 फीट से अधिक बर्फ की चादर बिछी हुई है. केदारनाथ में पिछले 45 दिनों से बिजली, संचार, पेयजल के इंतज़ाम बाधित है. 21 जनरवरी को जब भारी बर्फबारी हुई तो तब से अब तक केदारनाथ देश और दुनिया से कट गया है.
21 जनवरी को केदारनाथ में लगभग 70 कर्मचारी पुनर्निर्माण के कार्यो में लगे हुए थे, किन्तु उस समय भारी बर्फबारी के बाद सभी कर्मचारियों को वहां से वापस आने के आदेश डीएम ने दे दिए थे. केदारनाथ में निजी कंपनी और निम के पूर्व कर्मचारी की टीम के महज 10 सदस्य रुके हुए हैं जिनमें एक कुछ सदस्य वापस आए तो उन्होंने जिला प्रशासन को केदारनाथ की वस्तुस्थिति अवगत कराई. रामबाड़ा से केदारनाथ तक लगभग 9 किमी पैदल ट्रैक में भारी बर्फबारी और एवलांच पॉइंट है जहां पर बडे एवलांच हुए है.
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मुश्किल और खतरनाक बर्फीले रास्तों को पार कर केदारनाथ से एक टीम गौरीकुंड पहुची है. केदारनाथ में भारी बर्फबारी के बाद रामबाड़ा से आगे छोटी लिंचोली, बड़ी लिंचोली, रुद्रा पॉइंट में कई सारे बिजली के पोल तबाह हो चुके हैं और कॉटेज भी एवलांच में टूट गए हैं. केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य में जुटे निम के पूर्व निरीक्षण रिटायर कैप्टन सोबन सिंह बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया है कि केदारनाथ में 21 जनवरी के बाद स्थितियां काफी प्रतिकूल हो गई हैं और भारी बर्फबारी के बाद काफी नुकसान हुआ है.
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