उलझा SIT चीफ की पेंशन का मामला
उलझा SIT चीफ की पेंशन का मामला
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नई दिल्ली : मध्यप्रदेश में हुए बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले में सीबीआई ने 40 सदस्यीय जांच दल गठित कर दिया है जिसके बाद माना जा रहा है कि सीबीआई इस मसले पर अपना काम प्रारंभ कर देगी। यही नहीं सीबीआई सबसे पहले व्यापमं. मामले में गठित जांच दल एसआईटी से जांच अपने हाथ में लेगी। जिसके बाद सीबीआई इस केस की पड़ताल करेगी। मामले में यह बात भी सामने आई है कि एसआईटी का काम समाप्त होने के बाद अब पूर्व उपलोकायुक्त और सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति चंद्रेश भूषण का प्रदेश सरकार से पेंशन मसले पर कानूनी विवाद चल रहा है। जिसमें उन्होंने उपलोकायुक्त के तौर पर काम करने के बाद पेंशन आदि के निपटान की मांग की है।

दरअसल सीबीआई के पास केस हैंडओवर होने के बाद इस मसले पर एसआईटी का काम समाप्त हो जाएगा। ऐसे में न्यायमूर्ति चंद्रेश अपने लिए उपलोकायुक्त के कार्यकाल के बाद मिलने वाली फैमिली पेंशन की मांग भी कर रहे हैं। इस दौरान कहा जा रहा है कि उन्होंने राज्य सरकार की ओर अर्जित अवकाश के नकदीकरण का आवेदन भी दिया है लेकिन इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्हें लोकायुक्त विभाग से प्रशासनिक विभाग की ओर भेज दिया गया है।

हालांकि जीएडी ने इस मामले में कहा है कि न्यायमूर्ति की यह मांग सही नहीं है। मामले में सरकार की ओर से कहा गया है कि वे हाईकोर्ट की ओर से रिटायर्ड होने के बाद उन्हें फैमिली पेंशन मिली है। यही नहीं अपनी लीव को एनकेश करवाने के लिए उन्हें हाईकोर्ट जज के तौर पर इसे एनटाईटल्ड कर दिया गया है। चूंकि किसी भी अधिकारी कर्मचारी दो पेंशन नहीं दी जा सकती है इसलिए उनकी पेंशन पर सवाल ही नहीं उठता।

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