Jan 07 2017 08:48 PM
कराची : सिंध प्रांत की असेंबली ने भले ही एक महत्वपूर्ण विधेयक को गवर्नर के पास इस उम्मीद से भेजा था कि वे इस पर अपनी सहमति दे देंगे, लेकिन हुआ इसके विपरित, क्योंकि गवर्नर ने विधेयक को फिर से असेंबली को पुनर्विचार करने के लिये भेज दिया है।
बताया गया है कि असेंबली की तरफ से जबरन धर्मान्तरण की समस्या को दूर करने के लिये विधेयक पारित करते हुये स्वीकृति के लिये गवर्नर को भेजा था। यदि यह विधेयक गवर्नर द्वारा स्वीकार कर लिया जाता तो कानून के तहत जबरन धर्मान्तरण को अपराध की श्रेणी में माना जाता।
गवर्नर की फिलहाल अस्वीकृति के बाद सिंध प्रांत में रहने वाले हिन्दू और अन्य अल्पसंख्यकों को बड़ा झटका लगा है। बताया गया है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है।
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