आयोजन पर लटक रही NGT की तलवार, जेल जाने को हैं तैयार मगर जुर्माना नहीं भरेंगे श्रीश्री
आयोजन पर लटक रही NGT की तलवार, जेल जाने को हैं तैयार मगर जुर्माना नहीं भरेंगे श्रीश्री
Share:

नई दिल्ली : दिल्ली में यमुना नदी के किनारे आर्ट आॅफ लिविंग के तत्वावधान में आयोजित होने वाले वल्र्ड कल्चरल फेस्टिवल को लेकर आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने कहा है कि आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा जुर्माने का पैसा नहीं भरा जाएगा। उनका कहना था कि वे विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के ही साथ पर्यावरण के प्रति जागरूकता जगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नदी के किनारे कार्यक्रम आयोजन करने के पीछे का कारण यही था कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि वे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा आरोपित किए गए जुर्माने के निर्णय से संतुष्ट नहीं थे।

उन्होंने कहा कि भले ही हमें जेल क्यों न जाना पड़े जुर्माना नहीं भरा जाएगा। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यमुना नदी के किनारे आयोजित होने वाले इस समारोह को लेकर सहमत नहीं था। एनजीटी ने इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी थी। बाद में एनजीटी द्वारा यह कहा गया था कि यदि आर्ट आॅफ लीविंग फाउंडेशन पर्यावरण क्षतिपूर्ति करने हेतु 5 करोड़ रूपए का जुर्माना भर देता है तो फिर आर्ट आॅफ लीविंग द्वारा कार्यक्रम जारी रह सकता है।

कार्यक्रम प्रारंभ करने से पूर्व फाउंडेशन को जुर्माने की राशि भी जमा करना होगी। इस संबंध में आध्यात्मिक गुरू श्रीश्री रविशंकर द्वारा कहा गया कि वे इस निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं वे इस मामले में अपील भी करेंगे। सत्यमेव जयते को लेकर उन्होंने कहा कि मीडिया से चर्चा में श्रीश्री रविशंकर द्वारा कहा गया था कि यमुना के किनारे कार्यक्रम करने के पीछे पर्यावरण को लेकर लोगों को जागृत करने की मंशा थी। उनका कहना था कि कार्यक्रम के ऐन मौके पर इस तरह की बातें सामने लाई गई हैं यदि पहले से कहा जाता तो संभवतः आयोजन को लेकर उस तरह की व्यवस्थाऐं भी की जातीं।

दूसरी ओर केंद्रीय संस्कृति मंत्री द्वारा श्रीश्री रविशंकर के समारोह विश्व संस्कृति महोत्सव को 2.25 करोड़ रूपए का अनुदान दिए जाने की बात सामने आई है। हालांकि इस मामले में जब विरोध उठने लगा तो संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि मंत्रालय द्वारा 1 करोड़ रूपए से 5 करोड़ रूपए तक की राशि भारतीय संस्कृति के उन्नयन के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं को दी जाती है। जिसके अंतर्गत आर्ट आॅफ लिविंग के व्यक्ति विकास केंद्र ट्रस्ट को अनुदान प्रदान किया गया है। मंत्रालय द्वारा इस मामले में सफाई देते हुए कहा गया कि संस्कृति मंत्रालय इस तरह की संस्थाओं को अनुदान प्रदान करता है।

इस मामले में एनजीटी ने अपने रूख को स्पष्ट करते हुए कहा कि डीडीए द्वारा एनजीटी को यह बताया जाएगा कि आर्ट आॅफ लिविंग ने जुर्माने की राशि जमा करवाई या नहीं। यदि पैसा जमा नहीं हुआ तो कार्यक्रम को लेकर दी गई अनुमति वापस भी ली जा सकेगी। हालांकि इस मामले में श्रीश्री रविशंकर ने 3 लोगों की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करेंगे। उनका कहना था कि आखिर उन्हें यह बताया जाए कि उनके कार्यक्रम से किस तरह का नुकसान हुआ।

उनका कहना था कि वे इस जुर्माने के विरूद्ध अपील भी करेंगे। दूसरी ओर किसानों ने इस मामले में याचिका यादर की थी। सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका को खारिज कर दिया गया और इस मामले में किसान संघ को एनजीटी में अपील करने को कहा गया। उल्लेखनीय है कि किसानों ने कहा था कि इस कार्यक्रम के चलते यमुना नदी में बाढ़ वाले क्षेत्र में नुकसान हो सकता है यही नहीं किसानों ने यह भी कहा था कि आयोजन को लेकर उनके खेतों को समतल कर दिया गया। 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -