मुंबई: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भी राजनीति करने से नेता अपनी हरकतों से बाज नहीं आए. जंहा इसी राजनीति का शिकार इस वर्ष का राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार जीतने वाली जेन सदावर्ते हुई हैं. जंहा सदावर्ते ने महिला दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शिवसेना नेता पर उन्हें अपमानित करने का इलज़ाम भी लगाया है. वहीं शिवसेना की ओर से अभी तक इन आरोपों पर कोई सफाई नहीं पेश की गए है.
मिली जानकारी के अनुसार जेन सदावर्ते ने आरोप लगाया है कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित एक प्रोग्राम के दौरान अपमान का सामना करना पड़ा है. वहीं उन्होंने बताया, 'मैं मंच पर पहुंचकर उन मुद्दों के बारे में बात कर रही थी, जो भारत में गलत हो रहे हैं. इनमें शनिवार और रविवार को बच्चों को मिड-डे मील नहीं दिया जाना भी शामिल है.
जानकारी के हम बता दें कि सदावर्ते 7वीं कक्षा में पढ़ती हैं, लेकिन समाज में फैली कुरीतियों को लेकर उनका नजरिया किसी वयस्क व्याक्ति से कम नहीं है. वह समाज की बुराइयों को लेकर आवाज उठाती रहती हैं. जाना इस बात का पता चला है कि 12 वर्षीय सदावर्ते ने कहा, 'मैं नहीं जानती कि मंच पर मौजूद सम्मानित शिवसेना नेताओं को क्या हुआ, उन्होंने मुझे अपमानित करना क्यों शुरू कर दिया. मुझसे कहा कि अगर मैं भारत में रहना चाहती हूं, तो मुझे मराठी सीखनी पड़ेगी.' गौरतलब है कि सदावर्ते को पीएम नरेंद्र मोदी वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
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